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महंगाई राहत शिविर में कराया रजिस्ट्रेशन फिर जब घर आया बिजली का बिल तो लगा इतना बड़ा झटका

उपभोक्ताओं ने बताया कि विद्युत विभाग की ओर से जारी किए जाने वाले घरेलू व कृषि बिजली बिल उनके घर तक नियत समय तक नहीं पहुंचने के कारण भी बिल जमा करवाने से वंचित रह जाते हैं

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देणोक। महंगाई राहत शिविर से पहले देणोक गांव के जिन परिवारों के बिजली बिल औसतन 400-500 रूपए तक आते थे, राहत शिविर में रजिस्ट्रेशन के बाद अब वही बिल की राशि हजारों में आने पर ग्रामीणों में रोष हैं।

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ग्रामीण उपभोक्ता भंवर लाल मुकोणी, गोपीराम, सिकन्दर खान, ओमप्रकाश, भुराराम मुकोणी, इकबाल खान सहित ऐसे कई लोग है जिनके बिजली की बिल राशि में विभाग ने इस बार स्पेशल फ्यूल सरचार्ज जोडकर बिल जारी किए। जबकि सरकार की घोषणा के मुताबिक 100 यूनिट तक खपत होने पर बिजली बिल माफी की घोषणा की गई थी।

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उपभोक्ताओं ने बताया कि विद्युत विभाग की ओर से जारी किए जाने वाले घरेलू व कृषि बिजली बिल उनके घर तक नियत समय तक नहीं पहुंचने के कारण भी बिल जमा करवाने से वंचित रह जाते हैं। विभाग की ओर से देणोक, उदयनगर, बरजासर सहित आस-पास की एक दर्जन से अधिक पंचायतों के बिजली के बिल तो देणोक जीएसएस में बिखरे पड़े रहते है। जहां देखरेख अभाव में बिल संबंधित उपभोक्ताओं को नहीं मिलने से वे बिल राशि जमा करने से चूकने का खामियाजा भी उन्हें पेनेल्टी के रूप में भुगतना पड़ता है। आऊ के सहायक अभियंता नवीन कुमार चौधरी का कहना है कि जिन उपभोक्ताओं के 100 यूनिट से अधिक खपत हुई है तो बिजली बिल आए होंगे और उसके बाद भी यदि किसी उपभोक्ता के अधिक राशि आई हैं तो उसकी जांच करके पता करवा लेंगे।