
तीन माह में सुनिश्चित करें मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति-कोर्ट
जोधपुर.
राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त के रिक्त पद पर नियुक्ति के लिए अपेक्षित कार्यवाही के लिए 15 दिन में आवश्यक निर्णय लेने के निर्देश दिए हंै। राज्य सकार को निर्णय लेने के तीन महीने के भीतर नियुक्ति सुनिश्चित कर पालना रिपोर्ट पेश करनी होगी।
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति और न्यायाधीश डॉ.पुष्पेंद्रसिंह भाटी की खंडपीठ में सुरेंद्र जैन की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान बताया गया था कि राज्य आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त का पद 10 अप्रैल, 2019 से रिक्त है। सरकार ने जुलाई, 2019 में इस पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन प्रकाशित करवाया था। लेकिन अब तक नियुक्ति नहीं होने से आयोग का गठन वैधानिक दृष्टि से अपूर्ण है। पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त जयपुर रीजन से दायर होने वाली अपीलों की सुनवाई कर रहे थे, लेकिन पद खाली होने के बाद जयपुर रीजन की अपीलों की सुनवाई नहीं हो रही।
अतिरिक्त महाधिवक्ता रेखा बोराणा ने कोर्ट को बताया कि जुलाई में विज्ञापन प्रकाशित करवाने के बाद आरटीआइ के नियमों में संशोधन प्रभावी हो चुका है। संशोधन के अनुसार मुख्य सूचना आयुक्त का कार्यकाल पांच वर्ष की जगह तीन वर्ष का होगा। संशोधन को देखते हुए सरकार दो विकल्पों पर विचार कर रही है। या तो पूर्व के विज्ञापन में संशोधन के लिए विज्ञप्ति जारी की जाए या नए सिरे से विज्ञापन जारी किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि सरकार जिन दो विकल्पों पर विचार कर रही है, उस पर अगले 15 दिनों में विचार करते हुए उचित निर्णय ले। इस निर्णय के अनुसरण में यथोचित कार्यवाही तीन महीने में पूरी करने के निर्देश देते हुए कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी। कोर्ट ने हालांकि पालना रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं और राज्य सरकार को यह विचार करने को भी कहा है कि संभागीय स्तर पर भी आयोग की सुनवाई की जानी चाहिए।
Published on:
12 Dec 2019 10:44 pm
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