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मेवाड़ से अफीम की तस्करी का बढऩे लगा है अंदेशा, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने चौकसी की तेज

होली के साथ ही मेवाड़ के चित्तौडगढ़़ व भीलवाड़ा ही नहीं राज्य की सीमा से सटे मध्यप्रदेश में फसलों से अफीम के दूध की पैदावार शुरू हो गई है। ऐसे में अब मणिपुर और झारखंड के साथ-साथ मेवाड़ से भी मादक पदार्थ की तस्करी बढऩे लगी है।

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fear of opium smuggling has increased from mewar region

मेवाड़ से अफीम की तस्करी का बढऩे लगा है अंदेशा, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने चौकसी की तेज

जोधपुर. होली के साथ ही मेवाड़ के चित्तौडगढ़़ व भीलवाड़ा ही नहीं राज्य की सीमा से सटे मध्यप्रदेश में फसलों से अफीम के दूध की पैदावार शुरू हो गई है। ऐसे में अब मणिपुर और झारखंड के साथ-साथ मेवाड़ से भी मादक पदार्थ की तस्करी बढऩे लगी है। इसी को लेकर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने चौकसी बढ़ा दी है।

दरअसल चित्तौडगढ़़, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़ और आस-पास के क्षेत्र व नीमच में मार्च या होली के आस-पास अफीम की पैदावार निकलनी शुरू हो जाती है। इसी के साथ तस्कर भी सक्रिय होने लगते हैं और किसानों से सांठ-गांठ कर अफीम का दूध खरीदकर सप्लाई में शामिल हो जाते हैं। एनसीबी ने गत 12 मार्च को मेड़तारोड पर रेण रेलवे फाटक के पास कार में अफीम का दस किलो दूध जब्त कर तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ में सामने आया कि यह मादक पदार्थ नीमच से नोखा ले जा रहे थे। पंचायत चुनाव और ऊपर से अफीम की पैदावार शुरू होने से तस्करी में इजाफा होने की आशंका है। इसी के चलते ब्यूरो ने तस्करों के रूट पर चौकसी बढ़ाई है। वहीं मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय किया गया है।

मणिपुर-झारखंड की अफीम का सेवन
एनसीबी का कहना है कि मेवाड़ में अफीम की पैदावार न होने के बावजूद मारवाड़ में अफीम और डोडा-पोस्त की खेप आ रही है। तस्करों ने मणिपुर व झारखंड से अफीम लाना शुरू कर दिया था। पहाड़ी क्षेत्र में बिना सरकारी लाइसेंस न सिर्फ खुलेआम अफीम की पैदावार होती है, बल्कि बिक्री भी हो रही है।