6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बाबा रामदेव प्राकट्योत्सव पर ध्वजारोहण 8 को

  मसूरिया रामदेव मंदिर में अलसुबह होगी 108 ज्योत से महाआरती

2 min read
Google source verification
बाबा रामदेव प्राकट्योत्सव पर ध्वजारोहण 8 को

बाबा रामदेव प्राकट्योत्सव पर ध्वजारोहण 8 को

जोधपुर. साम्प्रदायिक सद्भाव व सामाजिक समरसता के प्रतीक जन-जन के आराध्य लोकदेवता बाबा रामदेव का प्राकट्योत्सव 8 सितम्बर को मनाया जाएगा। मसूरिया मंदिर और रामदेवरा मंदिर के कपाट 7 सितम्बर को श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह बंद करने के आदेश के कारण बाबा रामदेव अवतरण दिवस मनाने जातरुओं के समूह पहले ही शीश नवाने पहुंचने लगे हैं। जिला प्रशासन के निर्देशानुसार इस बार मसूरिया मेला पहले ही स्थगित किया जा चुका है।
सार्वजनिक जगहों पर जागरण भी स्थगित

बाबा रामदेव अवतरण दिवस की पूर्व संध्या पर 7 सितम्बर को जोधपुर के रामदेव मंदिरों सहित सार्वजनिक स्थलों पर जगह-जगह बाबा के जीवन प्रसंग पर आधारित 'जम्मेÓ (जागरण) का आयोजन भी स्थगित कर दिए गए है। बाबा रामदेव समाज सेवा संस्थान जोधपुर की ओर से रावण चबूतरा मैदान में प्रति वर्ष होने वाली भक्ति संध्या भी स्थगित कर दी गई है।

108 ज्योत से होगी शृंगार आरती
मसूरिया स्थित बाबा रामदेव के गुरु बालीनाथ के समाधि मंदिर में 8 सितम्बर 'बाबा की बीजÓ को पंचामृत अभिषेक के बाद सुबह 4.15 बजे 108 ज्योत से शृंगार महाआरती होगी। मसूरिया बाबा रामदेव मंदिर का संचालन करने वाले पीपा क्षत्रिय समस्त न्याति सभा ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेन्द्र चौहान व सचिव मफतलाल राखेचा ने बताया कि सुबह 11 बजे कोविड गाइडलाइन के दिशा निर्देशानुसार सीमित ट्रस्ट पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की ओर से मंदिर शिखर पर विधिवत ध्वजारोहण किया जाएगा। सोमवार को शाम 6 बजे साधु संतों के सान्निध्य में मेला पूजन की रस्म अदायगी की जाएगी।

कपाट बंद को लेकर असमंजस

रामदेवरा व मसूरिया में 8 सितम्बर से मेला स्थगित होने के प्रशासनिक आदेश तो जारी हो गए लेकिन दर्शनार्थियों के लिए मंदिर के कपाट बंद रहेंगे या नहीं यह लिखित में आदेश अभी तक प्रमुख मंदिर संचालकों को नहीं मिले है। बाबा रामदेव समाज सेवा संस्थान के अध्यक्ष करणसिंह राठौड़ ने बताया कि समय रहते पहले ही प्रदेश से सटी गुजरात, मध्यप्रदेश की सीमाएं जातरुओं के लिए सील कर दी जाती तो दूरदराज से सैकड़ों किमी दूरी तय कर लगातार पहुंच रहे जातरुओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। जो भी जातरू दर्शन के लिए पहुंच चुके है उन्हें कोरोना गाइडलाइन का पालना के साथ दर्शन की अनुमति दी जानी चाहिए।