शास्त्रीनगर थाना पुलिस के अनुसार एडहॉक कमेटी के संयोजक अरिष्ठ सिंघवी ने डीसीए सचिव सुखदेवसिंह देवल और पूर्व संयुक्त सचिव श्रवण प्रजापत के खिलाफ गबन का आरोप लगाकर एफआइआर दर्ज कराई है। आरोप है कि 30 मई 2024 को डीसीए कार्यकारिणी के चुनाव कराए गए थे। 20 जून को कार्यकारिणी का गठन किया गया था। जालोरी गेट स्थित एसबीआइ में डीसीए का बैंक खाता है। डीसीए के अध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष में से किन्हीं दो पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से ही बैंक खाते से रुपए निकाले जा सकते हैं। आरोप है कि डीसीए सचिव सुखदेवसिंह देवल व पूर्व संयुक्त सचिव श्रवण प्रजापत के हस्ताक्षर से बैंक खाते से 16,42,712 रुपए निकाल लिए। इस संबंध में उन्होंने डीसीए की मैनेजमेंट कमेटी से अनुमोदन भी नहीं करवाया।
एक माह पहले अध्यक्ष-कोषाध्यक्ष ने दिया था इस्तीफा
गौरतलब है कि डीसीए में वित्तीय अनियमितताओं का पता लगने पर तत्कालीन अध्यक्ष वरूण धनाडिया और कोषाध्यक्ष अरिष्ठ सिंघवी ने पद से इस्तीफे दे दिए थे। रजिस्ट्रार संस्थान कार्यालय ने जांच कमेटी गठित की थी। साथ ही कार्यकारिणी भंग कर एडहॉक कमेटी गठित की गई थी।
ये हैं नियम…
– डीसीए के अध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष में से किसी दो के संयुक्त हस्ताक्षर से ही बैंक खाते से रुपए निकाल जा सकते हैं। – बैंक से निकाली राशि के संबंध में तीनों पदाधिकारियों की ओर से स्वीकृत राशि का अनुमोदन कार्यकारिणी व मैनेजमेंट कमेटी से करवाने का िनयम है। – डीसीए सचिव एसोसिएशन के हित व उद्देश्यों की पूर्ति के लिए 25 हजार रुपए निकाल सकता है, लेकिन उसका अनुमोदन मैनेजमेंट कमेटी से करवाना होगा।