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-चना खरीद के महीने बाद वापस ले जाने के फरमान मामले में सरकार ने जवाब के लिए मांगा समय

राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई

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-चना खरीद के महीने बाद वापस ले जाने के फरमान मामले में सरकार ने जवाब के लिए मांगा समय

-चना खरीद के महीने बाद वापस ले जाने के फरमान मामले में सरकार ने जवाब के लिए मांगा समय

जोधपुर। संजीवन सहकारी क्रय विक्रय समिति द्वारा राजसमंद और चित्तौडगढ़़ जिले के 26 किसानों से चने की खरीद के एक महीने बाद उपज को वापस ले जाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने प्रत्युत्तर पेश करने के लिए समय मांगा, जिस पर कोर्ट ने एक सप्ताह की मोहलत देते हुए अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को मुकर्रर की है।

न्यायाधीश विजय बिश्नोई की एकलपीठ में याचिकाकर्ता उदयलाल एवं अन्य की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील बेनीवाल ने प्रत्युत्तर के लिए समय मांगा। उल्लेखनीय है कि राजफैड ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चने की खरीद प्रक्रिया प्रारंभ की थी, जिसके लिए 26 किसान पहले ई-मित्र पर पंजीकृत हुए। राजफैड ने पंजीकृत किसानों की सूची जारी की, जिसके आधार पर किसानों ने 2 जुलाई को करीब छह सौ क्विंटल चना अधिकृत की गई संजीवन सहकारी क्रय विक्रय समिति को बेचा था। इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान बायोमेट्रिक सिस्टम चालू नहीं हो पाने से नहीं हो सका। हालांकि, समिति ने किसानों को विक्रय पर्ची जारी करते हुए आश्वस्त किया था कि भुगतान कर दिया जाएगा। कई बार तकाजा करने पर किसानों को राजफैड के हवाले से 30 जुलाई को कहा गया कि चना भंडारण का लक्ष्य पूरा होने से वे अपना चना वापस ले जाएं।