
नर्सिंग के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करने की पहल करे सरकार
जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार को कहा कि दस हजार से ज्यादा रिक्त नर्सिंग व अराजपत्रित कर्मचारियों के पदों को भरना समय की आकस्मिक आवश्यकता है। कोर्ट ने सरकार को रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करने की पहल करने कहा है।
न्यायाधीश संदीप मेहता एवं न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की खंडपीठ में याचिकाकर्ता संयम लोढ़ा एवं अन्य की ओर से दायर जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा ने कहा कि राज्य में नर्सिंग व अराजपत्रित कर्मचारियों के कुल 68 हजार 209 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 53 हजार 010 कर्मचारी कार्यरत हैं। 5120 रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कोर्ट ने कहा कि यह बयान स्पष्ट करता है कि अभी भी 10 हजार से अधिक नर्सिंग व अराजपत्रित कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। जबकि चिकित्सा ढांचें पर बढ़ते बोझ को देखते हुए राज्य सरकार को नर्सिंग व अराजपत्रित कर्मचारियों की मौजूदा कैडर ताकत बढ़ाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। शर्मा ने कहा कि एक बायो-मेडिकल इंजीनियर और अस्पताल प्रबंधन विशेषज्ञ को जेके लोन अस्पताल, कोटा में नियुक्त किया जा चुका है। खंडपीठ ने कहा कि राज्य के सभी प्रमुख अस्पतालों में यह व्यवस्था लागू की जाए। अगली तिथि पर राज्य के सभी प्रमुख अस्पतालों में अस्पताल प्रबंधन विशेषज्ञ तथा बायो-मेडिकल इंजीनियर्स की नियुक्ति के लिए प्रस्तावित प्रयासों का विवरण देने को कहा गया है। राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता के.एस.राजपुरोहित एवं नगर निगम की ओर से राजेश पंवार ने एमजीएच, जोधपुर के सीवरेज/ड्रेनेज सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए किए गए प्रयासों का विवरण बताया। उन्होंने कहा कि अपेक्षित राशि पहले ही स्वीकृत की जा चुकी है। कार्यादेश जारी किया जा चुका है और निर्माण बहुत जल्द पूरा हो जाएगा। कोर्ट ने जेके लोन अस्पताल, कोटा के अपग्रेडेशन पर संतुष्टि जताई। अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी।
Published on:
21 Jul 2021 12:40 pm
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