
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद छलनी हो रही लूणी नदी
बिलाड़ा (जोधपुर). मारवाड़ के लोगों की जीवन रेखा तथा हजारों परिवारों की रोजी-रोटी का आधार लूणी नदी के अस्तित्व को नष्ट करने का वर्षों से बजरी खनन माफिया ने जैसे संकल्प ले रखा है।
प्रतिवर्ष खनन माफिया के चेहरे जरूर बदलते हैं, लेकिन सभी बेरहमी से नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बजरी का दोहन करते आ रहे हैं। स्थिति यह है कि नदी में बीस से तीस फीट की गहराई तक भारी मशीनों से खुदाई कर नदी के पेटे को उधेड़ डाला है।
जसवंत सागर बांध की चादर से उद्गम होने वाली लूणी नदी से कोसों दूर तक के कुंए रिचार्ज होते हैं और किसानों के घर खुशहाली बनी रहती है। इस खुशहाली को पिछले दो दशकों से ग्रहण लग चुका है और बजरी खनन माफिया ने लूणी नदी में बजरी खनन कर उसे रौंद डाला है।
खुद रही है लूणी नदी
उच्चतम न्यायालय ने बजरी खनन पर रोक लगाई हुई है। बजरी माफिया रात को जेसीबी लगाकर ट्रेक्टर भर कर सप्लाई कर रहे हैं। पुलिस को भनक मिलती है तो वह एक दो ट्रेक्टर व जेसीबी पकड़ कर थाने ले आती है । खनन विभाग मौन सा बैठा है।
रात को होता है लूणी नदी का दोहन
लूणी नदी में जाने के लिए बजरी माफिया ने कई रास्ते बना दिए हैं। माफिया लूणी नदी में रात को जेसीबी लगाकर ट्रेक्टर व ट्रकों मे भर कर बजरी सप्लाई करवाते हैं।
ग्रामीण रात को करते हैं थाने में फोन
जब रात को जेसीबी की आवाज आती है और ट्रेक्टर निकलते देखते हैं तो ग्रामीण रात को थाने में फोन करते हैं । जब तक पुलिस पहुंचती है तो बजरी माफिया वहां से भाग जाते हैं। कई बार बजरी माफिया ट्रेक्टर ट्रॉलियां भरी छोडकऱ भाग निकले हैं और पुलिस उनको थाने ले आती है।
इसलिए नहीं पहुंचा पानी
इस बार ऊपरी क्षेत्र में अच्छी बारिश हुई लेकिन बजरी माफिया ने बीच में आने वाले रास्ते में नदीे में इतने बड़े खड्डे कर दिए कि पानी उसी में समा गया और आगे नहीं बढ़ा।
इन्होंने कहा
टीम बनाकर गश्त कर रहे हैं। जब भी मालूम चलता है उस ट्रेक्टर को सीज किया जाता है। रात को भी अब गश्त शुरू की जाएगी।
-श्रीकृष्ण शर्मा, खनिज अभियंता जोधपुर
Published on:
25 Sept 2019 06:11 pm
बड़ी खबरें
View Allजोधपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
