29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Happy birthday Narendra Modi जानिए जोधपुर से जुड़ी यादों के झरोखे

जोधपुर.पहले गुजरात के मुख्यमंत्री और बाद में देश के प्रधानमंत्री और ग्लोबल लीडर के रूप में नरेंद्र मोदी ( Happy Birthday Narendra Modi ) इन दिनों देश और दुनिया की सुर्खियों में हैं। कभी मन की बात, तो कभी धारा 370 खत्म करने को लेकर। कभी विदेश यात्राओं के लिए तो कभी अपनी सपाटबयानी के लिए। विश्व भर में मशहूर नरेंद्र मोदी और जोधपुर का बहुत पुराना कनेक्शन ( modi jodhpur connection ) है। नरेंद्र मोदी के जन्म दिन पर पेश हैं विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी और जोधपुर से जुड़े संस्मरण :

3 min read
Google source verification

जोधपुर

image

MI Zahir

Sep 17, 2019

Happy birthday Narendra Modi's and know Jodhpur.'s memories with him

Happy birthday Narendra Modi's and know Jodhpur.'s memories with him

एम आई जाहिर/जोधपुर. ग्लोबल लीडर ( pm modi is global leader ) नरेंद्र मोदी ( Narendra Modi ) और जोधपुर का पुराना और गहरा रिश्ता है। उनके जन्म दिन पर उनसे जुड़ी यादें ताजा हो आईं। हालांकि चुनावी सभाओं और सर्जिकल स्ट्राइक के समय वे जोधपुर आए थे, लेकिन मोदी और जोधपुर के बीच एक गहरा रिश्ता ( modi jodhpur connection ) रहा है। वे प्रधानमंत्री ( Prime Minister ) और मुख्यमंत्री बनने से पहले भी जोधपुर आए हैं। उस समय वे भाजपा ( BJP ) की अग्रिम पंक्ति के नेता नहीं माने जाते थे।

मुझे याद है कि मोदी सबसे पहले सितंबर 2001 में जोधपुर आए थे। तब वे भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री थे और भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष जे कृष्णामूर्ति के साथ होटल ताजहरि महल (अब होटल ताज विवांता) में आयोजित भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की दो दिवसीय मीटिंग में शरीक हुए थे।

इसी दौरान होटल के अंडरग्राउंड हॉल में प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई थी। उन दिनों भाजपा का ब़ुद्धिजीवी प्रकोष्ठ बहुत चर्चित था। मोदी राष्ट्रीय नेता व प्रखर वक्ता के रूप में अपनी छवि बनाने के लिए प्रयासरत थे। उसमें जे कृष्णमृूर्ति ही ज्यादा बोल रहे थे और नरेंद्र मोदी कुछ बोलने या कहने की कोशिश करते तो कृष्णमूर्ति उन्हें रोक देते। ऐसा दो तीन बार हुआ। मुझे लगा कि मजा नहीं आया। कोई ढंग का सवाल नहीं और कोई अच्छी चर्चा नहीं हुई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जब सारे पत्रकार चले गएतो मैंने उनसे देश में भ्रष्टाचार, धारा 370, समान नागरिक संहिता और अयोध्या मुद्दे पर सवाल किए। मोदी के साथ आधे घंटे तक अकेले की गई उस चर्चा में बहुत मजा आया। चर्चा के बाद वहां मौजूद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के एक पत्रकार ने मुझसे कहा कि इनसे ज्यादा क्या बात करना, यह कोई बड़ा नेता थोड़े ही हैं।

उस खबरनवीस का वह वाक्य गलत साबित हुआ। मोदी बड़े नेता साबित हुए। तब मुझे नहीं पता था कि यह चर्चा और बातचीत इतिहास का हिस्सा बन रही है। वह बातचीत आज भी यादों के एलबम में सुरक्षित है। कुछ अरसे बाद देश की
राजनीति नया मोड़ आया। वे जोधपुर से जाने के पंद्रह दिन बाद ही गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे। उसके बाद तो वे कई बार जोधपुर आए।

जोधपुर के साथ उनके रिश्ते की एक और बात याद आती है। सन 1996 में गुजरात के राधनपुर विधानसभा चुनाव उप चुनाव के समय जोधपुर के भाजपा नेता जोधपुर के कई भाजपा नेता वहां चुनाव प्रचार करने के लिए गए थे। जोधपुर के ये

नेता वे यादगार पल आज भी नहीं भूलते। उसके बाद नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में 22 जनवरी 2007
को जोधपुर आए। तब नरेंद्र मोदी जोधपुर के शिकारपुरा आश्रम के महंत के निधन के बाद शोक प्रकट करने के लिए जोधपुर आए थे। फिर नवंबर 2008 में विधानसभा चुनाव के समय जोधपुर के बॉम्बे मोटर्स चौराहे पर मोदी ने चुनावी सभा संबोधित की थी। उस समय उनका इतना के्रज था कि कांग्रेसी माहौल भाजपा के पक्ष में बदल गया और कैलाश भंसाली व

सूर्यकांता व्यास विधायक बने।

अतीत के झरोखे याद दिलाते हैं कि सन 2012 में गुजरात विधानसभा चुनाव के समय जोधपुर के नारायण पंचारिया, राजेंद्र बोराणा व जगतनारायण जोशी चुनाव प्रभारी और पवन आसोपा और जगदीश धाणदिया सह प्रभारी थे। ये नेता 16 अगस्त 2012 को मेहसाना में आयोजित पहली मीटिंग के बाद से ढाई महीने तक तीन सीटों गांधीनगर ईस्ट, गांधीनगर वेस्ट और देह गांव के प्रचार में रहे। यह खबर केवल पत्रिका में छपी थी। यही नहीं, नरेंद्र मोदी ने 29 नवंबर 2013 को जोधपुर के रावण का चबूतरा मैदान में चुनावी सभा को संबोधित किया, जिसमें अपार जनसमूह उमड़ पड़ा था। उसके बाद वे 7 अप्रेल 2014 को जोधपुर के रतकुडिय़ा में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करने आए थे। रतकुडि़या पाली लोकसभा क्षेत्र में है।
यही नहीं, मोदी के बनारस से 2014 में लोकसभा चुनाव लडऩे के दौरान भी जोधपुर के भाजपा नेता वहां गए थे और 7 मई से 13 मई तक वहां चुनाव प्रचार किया था। बहरहाल नरेंद्र मोदी और जोधपुर का रिश्ता बहुत पुराना और इस शहर के लोगों के लिए यादगार है।