
Mehrangarh Stampede : जोधपुर। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ की घटना में अब तक 134 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, प्रशासन ने अब तक 116 लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं। वहीं, 200 से ज्यादा लोग गंभीर घायल है। ऐसे में मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है।
हाथरस हादसे ने राजस्थान के मेहरानगढ़ में हुए हादसे की याद को ताजा कर दिया है। बता दें कि 30 सितंबर 2008 को जोधपुर के मेहरानगढ़ में दर्दनाक हादसा हुआ था। जिसमें 216 युवाओं की मौत हो गई थी और 400 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
मेहरानगढ़ हादसे को करीब 16 साल बीत चुके है। लेकिन, हाथरस हादसे ने साल 2008 के शारदीय नवरात्र के उस ‘अ-मंगल’ दिन की यादों को फिर से ताजा कर दिया। जब चामुंडा माता मंदिर में खूनी भगदड़ मची थी। नवरात्र स्थापना के दिन अल सुबह मंदिर के रास्ते में चहूं ओर शव ही शव देख हर किसी का दिल पसीज गया था।
भगदड़ में फंसे कुछ लोगों ने मेहरानगढ़ किले से नीचे लाने के दौरान दम तोड़ दिया था। अस्पतालों में शवों का अंबार लग गया था। मेहरानगढ़ दुखांतिका में 216 मृतकों में से एक भी शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया था।
हादसे के बाद जांच आयोग और समितियां भी बनी। लेकिन, 16 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक हादसे का सही कारण सामने नहीं आया। हालांकि, आज भी यही माना जाता है कि सभी लोगों की मौत दम घुटने की वजह से हुई थी। मेहरानगढ़ हादसे की जांच पूरी हो गई है। लेकिन, अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है।
Updated on:
03 Jul 2024 10:27 am
Published on:
03 Jul 2024 09:39 am
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