
Fast growing mosquitoes, fogging machines are not coming out VIP area
अभिषेक बिस्सा/जोधपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज व अन्य सरकारी चिकित्सा संस्थानों से मिलने वाली जानकारी के आधार पर ही डेंगू नियंत्रण कार्यक्रम चला रहा है। विभाग को जहां से डेंगू रोगियों के बारे में जानकारी मिलती है उन रोगियों के घर और आसपास के इलाके में एंटी लार्वल एक्टिविटी और फोगिंग जैसे उपाय किए जाते हैं। लेकिन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जोधपुर एम्स) से प्रतिदिन डेंगू रोगियों की संख्या व अन्य बीमारियों की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिलती।
इस कारण एम्स में जिन रोगियों को डेंगू बताया जाता है उन रोगियों के निवास और आसपास डेंगू नियंत्रण के उपाय भी नहीं होते। शहर के कई निजी अस्पताल कार्ड टेस्ट के जरिए मरीजों का डेंगू डिटेक्ट कर रहे हैं। लेकिन ये आंकड़े भी स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं पहुंच रहे। शहर में डेंगू रोगियों की संख्या में इजाफा होने का एक कारण यह भी है।
चिकित्सा विभाग सरकारी चिकित्सा संस्थानों से कार्ड टेस्ट से डेंगू पॉजिटिव रोगियों की रिपोर्ट के आधार पर घर-घर सर्वे करवा रहा है। ऐसे में एम्स और निजी अस्पतालों में आने वाले डेंगू रोगी स्वास्थ्य विभाग की पहुंच से बाहर हैं। सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा ने कहा कि एम्स से इस समस्या को लेकर बातचीत जारी है। कार्ड टेस्ट को सरकार मान्यता नहीं देती।
स्वास्थ्य विभाग के ध्यान में लाना इसलिए जरूरी
स्वास्थ्य विभाग को प्रतिदिन शहर के सरकारी चिकित्सा संस्थानों से डेंगू रोगियों के आंकड़े मिलते हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग रोगियों के घर जाकर एंटी लार्वल गतिविधियां करवाता है। नगर निगम से रोगी के घर व आसपास क्षेत्र में फोगिंग करवाता है। इन दिनों स्वास्थ्य अधिकारी खुद मौके पर निरीक्षण करने व क्रॉस वेरिफिकेशन करने पहुंचते हैं। लेकिन जोधपुर एम्स में आने वाले रोगियों के यहां किसी तरह का सर्वे नहीं हो रहा है।
डेंगू के नए 19 रोगी मिले
डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट अनुसार सोमवार को डेंगू के नए 19 रोगी सामने आए। ये रोगी बाड़मेर, भोपालगढ़, गोल बिल्डिंग, बोरानाड़ा, चौपासनी हाउसिंग बोर्ड, आरटीओ, रामेश्वनगर, भाटी चौराहा, पाली, सोजती गेट , सांगरिया फांटा, पाल बालाजी व हाईकोर्ट कॉलोनी से हैं।
Published on:
12 Nov 2019 04:06 pm
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