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अदालतों में जारी रहेगी वीसी से सुनवाई, अन्य व्यवस्थाएं रहेंगी यथावत

कोविड-19 के प्रकोप के चलते राजस्थान हाईकोर्ट सहित अधीनस्थ अदालतों में 14 जून तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों की सुनवाई की मौजूदा व्यवस्था लागू रहेगी। हाईकोर्ट प्रशासन ने इस संबंध में शनिवार को दो परिपत्र जारी किए हैं।

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hearing by video conference at rajasthan high court

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जोधपुर. कोविड-19 के प्रकोप के चलते राजस्थान हाईकोर्ट सहित अधीनस्थ अदालतों में 14 जून तक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामलों की सुनवाई की मौजूदा व्यवस्था लागू रहेगी। हाईकोर्ट प्रशासन ने इस संबंध में शनिवार को दो परिपत्र जारी किए हैं। इसके अनुसार हाईकोर्ट में जिन मामलों में 1 से 12 जून की अवधि में सुनवाई की तारीखें दी गई थीं, उनकी सुनवाई अब टालते हुए 7 से 22 जुलाई की तिथियों में होगी। अन्य व्यवस्थाएं यथावत रहेंगी, मसलन अदालतों के कार्य करने की समयावधि प्रात: 8.30 से 12.30 तक रहेगी।

साथ ही प्रतिदिन सूचीबद्ध होने वाले मुकदमों की संख्या में भी बढ़ोतरी की जाएगी। हाईकोर्ट की खंडपीठ में नए मामलों के अलावा लंबित मामलों को भी अंतिम निस्तारण के लिए सूचीबद्ध किया जा सकेगा, लेकिन इसके लिए दोनों पक्षों की सहमति जरूरी होगी। अधीनस्थ अदालतों के लिए पूर्व में लागू व्यवस्था को भी 14 जून तक बढ़ा दिया गया है। अधीनस्थ अदालतें, विशेष अदालतें तथा न्यायाधिकरण सुबह 8.30 से 12.30 बजे तक आवश्यक प्रकृति के मामलों की सुनवाई करेंगी।

अधिवक्ता कल्याण कोष निधि मामले में जवाब मांगा
राजस्थान हाईकोर्ट ने अधिवक्ता कल्याण कोष निधि से जरूरतमंद अधिवक्ताओं को आर्थिक मदद दिलाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायाधीश संदीप मेहता तथा न्यायाधीश देवेन्द्र कच्छवाह की खंडपीठ में याचिकाकर्ता सुमित सिंघल, भरत कुमार जोशी व अन्य पांच की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि कल्याणकारी योजना में कुछ शर्तें अधिवक्ता अधिनियम, एडवोकेट वेलफेयर फंड अधिनियम व बार कौंसिल ऑफ इंडिया के नियमों के विपरीत है। इस पर खंडपीठ ने कहा था कि पहले यह शपथ पत्र पेश किया जाए कि याचिकाकर्ता कल्याण निधि के सदस्य है या नहीं। उसके बाद आगे की सुनवाई की जाएगी। सुनवाई के दौरान खंडपीठ को बताया गया कि शपथ पत्र पेश किया जा चुका है, जिसे रिकॉर्ड पर लेने के निर्देश देते हुए खंडपीठ ने संबंधित प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।