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लॉकडाउन में हाईटेक होती गई इंसाफ की राह, न्यायिक इतिहास में पहली बार हुई ऐसे सुनवाई

- हाईकोर्ट में 42 फीसदी मामलों का निस्तारण

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 लॉकडाउन में हाईटेक होती गई इंसाफ की राह, न्यायिक इतिहास में पहली बार हुई ऐसे सुनवाई

लॉकडाउन में हाईटेक होती गई इंसाफ की राह, न्यायिक इतिहास में पहली बार हुई ऐसे सुनवाई

जोधपुर. कोर्ट रूम में सुनवाई की परिभाषा बदलते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कोविड-19 प्रकोप की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान 42 प्रतिशत मामलों का निस्तारण किया है। हाईकोर्ट प्रशासन का दावा है कि संभवतया वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से मामलों के निस्तारण का यह प्रतिशत देश में सर्वाधिक है। होली के अवकाश के दौरान ही हाईकोर्ट प्रशासन ने सबसे पहले 15 मार्च को अदालत परिसरों में एहतियात बरतने के निर्देश जारी किए थे, जिसमें अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई सुनिश्चित करने को कहा गया था।

लॉकडाउन लागू होने के बाद भी हाईकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में सुनवाई को स्थगित नहीं किया गया, बल्कि वर्चुअल सुनवाई का नया दौर शुरू हो गया। रोशनल आधार पर कोर्ट की संख्या को सीमित रखा गया। मोबाइल फोन पर वीडियो और ऑडियो कॉल से सुनवाई भी न्यायिक इतिहास में पहली बार हुई। राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्यपीठ तथा जयपुर पीठ में लॉकडाउन के दौरान 18 हजार 307 मामलों की सुनवाई हुई, जिनमें 7626 मामलों का वीडियो कांफ्रेंसिंग से निस्तारण किया गया। इस अवधि में अधीनस्थ अदालतों में 80 हजार 750 मामलों की सुनवाई हुई, जिनमें 47 हजार 51 प्रकरणों की वर्चुअल 33 हजार 699 प्रकरणों की व्यक्तिगत मौजूदगी से सुनवाई हुई। इनमें से से 65 हजार 617 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।

ऐसे हाईटेक होती गई इंसाफ की राह
1. मोबाइल फोन से सुनवाई: लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में मोबाइल पर ऑडियो या वीडियो कॉल से सुनवाई की शुरुआत हुई।

2. वीसी सेटअप: मोबाइल फोन से लगातार सुनवाई में कठिनाई को देखते हुए प्रत्येक कोर्ट में उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करते हुए वीसी सेटअप लगाए गए। ऑटोमेटेड प्रोसेस विकसित किया गया, ताकि संबंधित अधिवक्ता या पक्षकार को एसएमएस और ईमेल से वीसी लिंक भेजा जा सके।

3. ई-फाइलिंग सुविधा: व्यक्तिगत उपस्थिति संभव नहीं होने के कारण ई-फाइलिंग सुविधा शुरू की गई। ई-फाइलिंग पोर्टल को 8 अप्रैल से पूर्ण रूप से ऑपरेशनल कर दिया गया।

4. ई-कोर्ट फीस और ई-फाइन: शुरुआत में कोर्ट फीस स्टांप की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं होने से दुविधा पेश आई, लेकिन बाद में राज्य की सभी अदालतों में ई-कोर्ट फीस और ई-फाइन जमा करवाने की सुविधा प्रारंभ की गई।

5. ई-सेवा केंद्र और हेल्पलाइन: अधिवक्ताओं की सहायता के लिए जोधपुर, जयपुर तथा उदयपुर में ई-सेवा केंद्र शुरू किए गए। हाईकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों के लिए हेल्पलाइन की शुरुआत।

6. व्यक्तिगत सुनवाई शुरू: 29 जून से हाईकोर्ट और अधीनस्थ अदालतों में व्यक्तिगत और वर्चुअल सुनवाई प्रारंभ। सीमित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ई-पास की व्यवस्था लागू। तब से 6 जुलाई तक हाईकोर्ट की मुख्यपीठ तथा जयपुर पीठ में 7022 प्रकरणों की व्यक्तिगत तथा 666 प्रकरणों की वीसी से सुनवाई हो चुकी हैं, जिनमें 1852 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।

हाईकोर्ट में वीसी से मामलों की सुनवाई
माह---मुख्यपीठ--- जयपुर पीठ
मार्च (23 से 31 तक) 5--25
अप्रैल-- 227--- 1390
मई-- 3454--- 5378
जून--- 2843--- 4985

अधीनस्थ अदालतों में वीसी से मामलों की सुनवाई
माह ---अधीनस्थ अदालतें
मार्च (23 से 31 तक)--- 1933
अप्रैल---- 7105
मई--- 15866
जून--- 22147