
HFMD disease: जोधपुर के बच्चों में फैल रही एचएफएमडी बीमारी, शिशु अस्पतालों से मांगे एचएफएमडी बीमारी के आंकड़े
जोधपुर.हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (एचएफएमडी) इन दिनों जोधपुर के बच्चों को भी अपना शिकार बना रही है। इस बीमारी को फैलाने वाला एंटिरोवायरस अचानक एक्टिव हो गया है। तेजी से एक से दूसरे में फैलने वाला इस वायरस के अटैक को देखते हुए शिशु रोग विशेषज्ञ हैरान होना शुरू हो गए हैं। इतने दिन तक दिल्ली-बेंगलूरु व दक्षिण भारत के शहरों में इस बीमारी आतंक था, इसके बाल मरीज अब जोधपुर में भी सामने आने लगे हैं। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि इसमें डरने की बात नहीं है, यह अभी काबू में है। ये बीमारी 5-7 साल की कम उम्र के बच्चों में अत्यधिक देखने को मिल रही है। जानकारी अनुसार एक सप्ताह में करीब एक हजार बच्चों को जोधपुर में इस बीमारी के लक्षण मिले हैं, बड़ी संख्या में ऐसे बच्चों को शिशु रोग चिकित्सक देख रहे हैं।
माएं जरूर पढ़े बीमारी के लक्षण
एचएफएमडी बीमारी में बच्चों को बहुत तेज बुखार आता है। साथ ही मुंह में बहुत सारे छाले हो जाते हैं। एक दिन के अंदर बेहद तेजी से बुखार आना शुरू हो जाता है। खाना-पीना बच्चों का शून्य हो जाता है। वह अपनी लार्ल तक नहीं निगल पाता। हाथ पर फफोले की तरह चिकन फोक्स जैसे दाने हो जाते है। दाने न तो जलते है और ना हीं कोई खुजली चलती है। ये ज्यादा परेशान भी नहीं करते हैं। बुखार दो-तीन दिन में उतर जाता है। लेकिन छाले बच्चे को परेशान कर देते है। बच्चों में डी-हाइड्रेशन तक डवलप हो जाता है।
जोधपुर में बढ़ गए हैं केस: डॉ. प्रमोद शर्मा
डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में शिशुरोग विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. प्रमोद शर्मा ने बताया कि जोधपुर में इस बीमारी के केस बढ़ गए हैं। उन्होंने अस्पताल की आउटडोर में ही 15 मरीज देखे हैं। इसमें क्लिनिकली डाइग्नोस किया जा रहा है। जिसमें किसी प्रकार की जांच करानी जरूरत नहीं पड़ती है। बच्चे को देखकर ही बुखार व छाले के आधार पर ट्रीटमेंट किया जा रहा है। चिकन फोक्स जैसे छाले चार-पांच दिन में सूख रहे हैं। इस बीमारी का कोई स्पेशिफिक ट्रीटमेंट नहीं है। दो-तीन दिन बच्चे परेशान रहते है, जिनमें उन्हें दो-तीन दिन तक मीठा व मुलायम खाना खिलाते रहना है। साथ में संतुलित पानी पिलाते रहे। ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं है, इसलिए पैरेंट्स ज्यादा घबराए नहीं। बच्चों को बुखार में पॅराशिटामॉल व दर्द निवाकर ब्रूफेन जैसी दवाएं दे।
बच्चों में एक-दूसरे से फैल रही
ये बीमारी स्कूल में बच्चों में एक-दूसरे से फैल रही है। चिकित्सकों का कहना हैं कि यदि किसी बच्चे को ये शिकायत हैं तो उसे पैरेंट्स चार-पांच दिन स्कूल नहीं भेजे। स्कूल वाले भी कुछ दिन ऐसे बच्चों को स्कूल न बुलाएं।
स्वास्थ्य विभाग भी हुआ अलर्ट
हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (एचएफएमडी) के केस जोधपुर में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है। बच्चों के बीमार होने की जानकारी चिकित्सा विभाग ने सभी सरकारी व निजी शिशु रोग अस्पतालों से मांगी हैं। ताकि बीमारी की तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार कराई जा सके। हालांकि बीमारी बच्चों के लिए जानलेवा नहीं है, लेकिन बीमारी तीव्रता से फैल रही है। सीएमएचओ डॉ. बलवंत मंडा ने कहा कि हमने इस संबंध में डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज, एम्स जोधपुर व सभी निजी अस्पतालों को पत्र भेज दिया है। सभी से बीमारी के संबंध में आंकड़े मांगे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीमारी के लक्षण मिलते ही तुरंत अभिभावक बच्चों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर दिखवाएं। बच्चों का ख्याल रखें। उल्लेखनीय हैं कि इतने दिन तक दिल्ली-बेंगलूरु व दक्षिण भारत के शहरों में इस बीमारी के केस थे। जोधपुर के बच्चों में बीमारी आने से चिकित्सक भी अलर्ट हो गए। सरकारी व निजी अस्पतालों की शिशु रोग आउटडोर में कई बच्चे एचएफएमडी के सामने आ रहे हैं। ज्यादातर इस बीमारी के मामले अंडर-7 वर्ष के बच्चों में मिल रहे हैं। ये बीमारी एक से दूसरे बच्चों में फैलती है।
Published on:
23 Jul 2022 12:25 pm
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