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जोधपुर शहर में शामिल होने का ख्वाब देख रही सबसे बड़ी ग्राम पंचायत फिर चुनेगी सरपंच

- कुड़ी ग्राम पंचायत में 75 वार्ड और 1 लाख से ज्यादा की आबादी- हाईकोर्ट ने पिछले माह दिए कुड़ी-भगतासनी को शहरी क्षेत्र में शामिल करने के आदेश

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जोधपुर शहर में शामिल होने का ख्वाब देख रही सबसे बड़ी ग्राम पंचायत फिर चुनेगी सरपंच

जोधपुर शहर में शामिल होने का ख्वाब देख रही सबसे बड़ी ग्राम पंचायत फिर चुनेगी सरपंच

जोधपुर. प्रदेश की सबसे बड़ी ग्राम पंचायतों में से एक कुड़ी-भगतासनी में पंचायतराज के चुनाव रोचक मोड पर हैं। पिछले माह ही एक जनहित याचिका में आदेश देते हुए राजस्थान हाइकोर्ट ने सरकार को कहा है कि अगले छह माह में इस ग्राम पंचायत को शहरी क्षेत्र में शामिल करने पर विचार करें। अभी सरकार विचार कर पाती, इससे पहले ही इसे ग्राम पंचायत मानते यहां फिर से सरपंच चुनने की तैयारी की जा रही है। आदेशों की प्रतियां सरकारी महकमों तक पहुंच चुकी हैं, लेकिन आगे की प्रक्रिया पर संशय बना हुआ है।

डी.बी सिविल रिट पिटिशन अजय गोस्वामी बनाम राजस्थान सरकार में कुड़ी भगतासनी क्षेत्र को नगर निगम सीमा में शामिल किए जाने की प्रार्थना की गई। इस याचिका की अंतिम सुनवाई के बाद ६ अगस्त को उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि आदेश प्राप्ति के ६ माह के भीतर इस ग्राम पंचायत को शहरी क्षेत्र में शामिल करने का उचित निर्णय करें। राजस्थान सरकार यह निर्णय करती इससे पहले ७ सितम्बर को बची हुई ग्राम पंचायतों में चुनावों की घोषणा हो गई। ६ अक्टूबर को तीसरे चरण में कुड़ी में भी चुनाव प्रस्तावित है। नगर निगम में शामिल होने का ख्वाब देख रही कुड़ी भगतासनी की एक लाख की जनता फिर से सरपंच चुनेगी।

जनसंख्या में सेंसस टाउन माना
- २०११ की जनगणना में ३८ हजार से अधिक लोग कुड़ी भगतासनी में थे। लेकिन तब यह सांगरिया ग्राम पंचायत के अधीन गांव था। तब इसे सेंसस टाउन की संज्ञा दी गई थी। यानि शहरी क्षेत्र में शामिल होने के काबिल था।
- २०१४ में इसे अलग से ग्राम पंचायत बनाया गया।

- जोधपुर में जब दो नगर निगम किए गए तो ८०-८० वार्ड बांटे गए। उम्मीद थी कि कुड़ी भी शहरी क्षेत्र में शामिल होगा। लेकिन एेसा नहीं हो पाया।

एक नगर में कुड़ी-भगतासनी
- इस ग्राम पंचायत में ७५ वार्ड (शहरी निकाय के वार्ड नहीं) हैं।
- १ लाख के करीब आबादी है।
- हाउसिंग बोर्ड और जेडीए की दो बड़ी कॉलोनियां भी शामिल हैं।
- हर वार्ड की वोटर लिस्ट के पीछे पूरी ग्राम पंचायत का नक्शा लगा है, यानि अगल से वार्ड का सीमांकन भी सटीक नहीं है।

अब सरपंच चुने गए तो फिर क्या?
न्यायालय ने आगामी छह माह में इसे शहरी क्षेत्र में शामिल करने का आदेश दिया है। लेकिन यदि अभी यहां सरपंच चुन लिया जाता है तो आगे सरकार इस पर क्या निर्णय करेगी, इस पर संशय है। नए सरपंच का कार्यकाल पूरा होगा इस पर भी संशय है।


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