
अब कायलाना झील में कोई डूबा तो तुरंत होगा रेस्क्यू
जोधपुर.
शहर पेयजल की प्रमुख स्त्रोत व राजीव गांधी लिफ्ट केनाल से जुड़ी कायलाना झील अब सुसाइड पॉइंट भी बनती जा रही है। पिछले पांच साल में 43 व्यक्ति झील में डूब चुके हैं। अधिकांशत: आत्महत्या थी। इस स्थिति से निपटने के लिए अब कायलाना झील पर राजस्थान आपदा राहत दल (एसडीआरएफ) की अस्थाई चौकी बनाई जाएगी। ताकि किसी व्यक्ति के पानी में गिरने पर तुरंत रेस्क्यू किया जा सके।
एसडीआरएफ के कमाण्डेंट व आइपीएस पंकज कुमार चौधरी ने एसडीआरएफ की अस्थाई चौकी करने के लिए राज्य में दस स्थान चयनित किए हैं। इनमें कायलाना झील के साथ अलवर जिले में सिलीसेढ़ झील, बारां में किशनगंज, झालावाड़ में अकलेरा, भरतपुर में पुराना चम्बल पुल, बांसवाड़ा, उदयपुर में फतेहसागर झील, अजमेर में अनासागर झील, जालोर के सांचौर व हनुमानगढ़ में मसीतावाली हेड भी शामिल है।
शहर का प्रमुख पर्यटन स्थल है कायलाना झील
कायलाना झील पहाडिय़ों से घिरी हुई है, जहां बोटिंग की सुविधा भी है। कुछ ही दूरी पर माचिया सफारी पार्क भी है। ऐसे में झील के आस-पास का क्षेत्र प्रमुख पर्यटन स्थल में तब्दील हो चुका है। ऐसे में झील में डूबने व आत्महत्याएं अधिक होने लगी हैं। पिछले पांच साल में 43 व्यक्ति झील में डूब चुके हैं। एसडीआरएफ ने 13 बचाव अभियान चलाकर 13 शव बाहर निकाले हैं।
तुरंत रेस्पांस व रेस्क्यू के लिए मौके पर चौकी आवश्यक
गत दिनों एसडीआरएफ के कमाण्डेंट व आइपीएस अधिकारी पंकज कुमार चौधरी ने डूबतों को बचाने के प्रशिक्षण के अंतिम दिन कायलाना झील का जायजा लिया था। तत्पश्चात झील पर एसडीआरएफ की चौकी बनाने की जरूरत महसूस की गई। चौकी स्थापित होने से त्वरित रेस्पांस के साथ समय पर रेस्क्यू शुरू हो सकेगा। अस्थाई चौकी में एसडीआरएफ के जवान फाइबर बोट के साथ तैनात होंगे।
Published on:
22 Jul 2021 01:28 am
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