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अमरीका-चीन की तर्ज पर अब राजस्थान में बना अनूठा ड्रोन, खासियतें जानकर आप भी कहेंगे ‘भई वाह!’

IIT Jodhpur : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर ने आईआईटी कानपुर और आईआईटी पलक्कड़ के साथ मिलकर एक ऐसा ड्रोन विकसित किया है जो हवा में उड़ने के साथ पानी की सतह पर तैर सकता है। पानी के अंदर पनडुब्बी की तरह मूव करता है।

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IIT Jodhpur : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर ने आईआईटी कानपुर और आईआईटी पलक्कड़ के साथ मिलकर एक ऐसा ड्रोन विकसित किया है जो हवा में उड़ने के साथ पानी की सतह पर तैर सकता है। पानी के अंदर पनडुब्बी की तरह मूव करता है। यह ड्रोन पानी के अंदर 8 घंटे रह सकता है। इसके लिए इसकी डिजाइन भी पनडुब्बी जैसी है। यह गोता लगाते समय पनडुब्बी की तरह अपने अंदर पानी भरता है और सतह पर आने के लिए वापस पानी छोड़ देता है। पानी के अंदर ड्रोन के सिग्नल, मोटर और इलैक्ट्रॉनिक्स उपकरण बेहतरीन काम कर रहे हैं। इस ड्रोन में क्वाड राउटर कॉन्फ़िगरेशन, उड़ने के लिए चार रोटर्स और एक्वा प्रोपेलर हैं। यह 15 मिनट तक उड़ सकता है।

ऐसा ड्रोन बनाने की प्रेरणा एन्हिंगा पक्षी से मिली है, जो हवा में उड़ने के साथ अचानक पानी में गोता लगाता है। गौरतलब है कि वर्तमान ड्रोन केवल हवा में ही उड़ान भरते हैं। हवा में उड़ने और पानी में चलने की तकनीक वर्तमान में अमरीका और चीन जैसे देशों के पास है। ऐसे में तीनों आईआईटीज का यह ड्रोन भारतीय सेना के साथ बचाव राहत अभियानों, समु़द्र तटों पर तेल रिसाव जैसे मामलों में मील का पत्थर साबित होगा।

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अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पेश किया
यह शोध आईआईटी जोधपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जयंत कुमार मोहंता व उनके शोधार्थी जय खत्री, आईआईटी कानपुर के प्रो संदीप गुप्ता और आईआईटी पलक्कड़ के प्रो संतकुमार मोहन ने किया। उन्होंने अपना ड्रोन एआईआर 23: रोबोटिक्स में प्रगति पर 2023 के छठे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पेश किया था।

ड्रोन की बॉडी पनडुब्बी जैसी है। इसकी मोटर पानी के अंदर बेहतरीन काम कर रही है। अधिक उत्प्लावन बल के लिए अब अंतिम प्रोटोटाइप पर काम चल रहा है।
डॉ जयंत कुमार मोहंता, प्रोफेसर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, आईआईटी जोधपुर

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