
आईआईटी जोधपुर का नया कमाल, यूवी बल्ब साफ करेगा पानी का प्रदूषण
IIT Jodhpur New Wonder : आईआईटी जोधपुर का नया कमाल। देश की नदियों को कपड़ा उद्योग के अपशिष्ट से बचाने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर ने नई तकनीक विकसित की है। आईआईटी जोधपुर के शोधकर्ताओं ने 222 नैनोमीटर की पैराबैंगनी विकिरणों (यूवी) का बल्ब विकसित किया है। प्रदूषित पानी को इस बल्ब या लैंप के पास से गुजारने पर 222 नैनोमीटर की यूवी पानी में मौजूद एजो डाई को तोड़ देगी। इससे पानी साफ हो जाएगा। वर्तमान में बाजार में 254 नैनोमीटर के यूवी लैंप मौजूद हैं। आईआईटी जोधपुर की तकनीक बाजार में मौजूद तकनीक से 27 गुना अधिक प्रभावी है। यह शोध विश्व की प्रमुख विज्ञान पत्रिका नेचर: साइंटिफिक रिपोर्ट्स ने प्रकाशित किया है।
सामान्यत: पराबैंगनी किरणें शरीर में त्वचा के जरिए अंदर प्रवेश करके कैंसर का कारण बनती हैं। आईआईटी जोधपुर की ओर से विकसित 222 नैनोमीटर की यूवी शरीर की त्वचा को नहीं भेद पाएगी। त्वचा में मौजूद प्रोटीन ही इस रेंज की यूवी को अवशोषित कर लेगा। यानी इंसान इस बल्ब के सम्पर्क में आने के बावजूद सुरक्षित रहेगा।
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वहीं इस बल्ब में अक्रिय गैस क्रिप्टोन व क्लोराइड का इस्तेमाल किया है, बाजार में मौजूद यूवी लैंप में पारा जहरीला भरा होता है। यह पर्यावरण फ्रैंडली तकनीक विकसित की है। इसे अपस्केल करेंगे।
आईआईटी जोधपुर के भौतिकी विभाग के प्रोफेसर राम प्रकाश के नेतृत्व में पीएचडी शोधार्थी किरण अहलावत और रामावतार जांगड़ा ने मिलकर 222 नैनोमीटर क्रिप्टोन क्लोराइड एक्साइमर पराबैंगनी प्रकाश स्रोत का विकास किया है। इस विधि से रिएक्टिव ब्लैक 5 (RB5) जैसी डाईज को आसानी से तोड़ा जा सकता है और पानी कृषि योग्य बन जाता है।
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Updated on:
26 Jun 2024 02:53 pm
Published on:
26 Jun 2024 02:51 pm
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