6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में नहीं मिलेगी तीजणियों की ‘बेंत प्रसादी

  जोधपुर में धींगा गवर पूजन जारी, गवर विदाई 29 को

less than 1 minute read
Google source verification
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में नहीं मिलेगी तीजणियों की 'बेंत प्रसादी

फ़ाइल फोटो

जोधपुर. चैत्र शुक्ल तृतीया से आरंभ होकर वैशाख कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि तक सोलह दिवसीय धींगा गवर पूजन परकोटे के भीतरी शहर के घरों में शुरू हो चुका है। देश भर में केवल जोधपुर में मनाए जाने वाले अनूठे धींगा गवर पूजन का समापन इस बार 29 अप्रेल को होगा। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण गवर पूजने वाली तीजणियां पूजन स्थलों पर गाइडलाइन की पूरी पालना कर रही है। उपनगरीय क्षेत्रों से तीजणियां इस बार परकोटे के भीतरी शहर में सामूहिक गवर पूजन के लिए नहीं पहुंच पाने से अपने घरों में ही पूजन जारी रखे है।

नहींं हो सकेंगे मान मनुहार व सम्मान कार्यक्रम
धींगा गवर पूजन पूर्ण होने पर गवर विदाई की रात अनूठे अलग-अलग स्वांग रची तीजणियों का धींगाणा देखने पूरा शहर उमड़ता रहा है। लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलो के कारण दूसरे वर्ष भी शहरवासी धींगा गवर का मेला देखने से वंचित रहेंगे। उल्लेखनीय है धींगा गवर विदाई की रात शहर में अलग अलग जगहों पर स्थापित आकर्षक गवर प्रतिमाओं के दर्शन के दौरान रास्ते में जो भी पुरुष बाधक बनता है उसे तीजणियों के बेंतों की बौछार झेलनी पड़ती है। ऐसी लोक मान्यता है कि कुंवारों को गवर पूजने वाली तीजणियों की 'बेंतÓ प्रसादी मिलती है तो उनका विवाह जल्द हो जाता है। जोधपुर की धींगा गवर मेला समितियों की जगह-जगह मान -मनुहार व तीजणियों के सम्मान कार्यक्रम भी इस बार कोविड गाइडलाइन के कारण नहीं हो सकेंगे।

धींगा गवर पूजन केवल जोधपुर में

सुयोग्य वर की कामना और अखंड सुहाग के लिए गणगौर का परम्परागत पूजन तो पूरे प्रदेश में होली के दूसरे दिन चैत्रकृष्ण प्रतिपदा से चैत्रशुक्ल तृतीया तक होता है लेकिन इसके तुरंत बाद महिला सशक्तिकरण से जुड़ा धींगा गवर का अनूठा पूजन केवल जोधपुर में किया जाता है।