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खुल चुकी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की जांच करने के निर्देश

- हाईकोर्ट ने एक महीने में निरीक्षण के बाद स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा

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खुल चुकी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की जांच करने के निर्देश

खुल चुकी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की जांच करने के निर्देश

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर जिले की स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी से जुडी याचिका की सुनवाई करते हुए पूर्व में गठित कमेटी को पहली सितंबर से खुल चुकी स्कूलों का निरीक्षण कर एक महीने में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी।

वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा तथा न्यायाधीश विनित कुमार माथुर की खंडपीठ में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की लीगल एड एंड अवेयरनेस कमेटी की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान राजस्थान हाईकोर्ट लीगल एड कमेटी के सचिव डॉ प्रभात अग्रवाल ने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए स्कूल बंद होने से निरीक्षण नहीं किया जा सका। अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा ने कहा कि कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल खुल चुके हैं। पहली से आठवीं कक्षा के स्कूल के संबंध में निर्णय नहीं लिया गया है। हाईकोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक), जोधपुर की अगुवाई में एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे, जिनमें याचिकाकर्ता कमेटी के प्रतिनिधि के तौर पर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के तीन छात्र भी सदस्य बनाए गए थे। लीगल एड एंड अवेयरनेस कमेटी ने जोधपुर की 107 स्कूलों का निरीक्षण किया था, जिसमें सामने आई बुनियादी सुविधाओं की कमी को इंगित करते हुए याचिका दायर की गई थी। सरकार की ओर से दावा किया गया कि सभी स्कूलों में सुविधाएं बहाल कर दी गई है, जबकि याची के अधिवक्ता ने इसे सही नहीं बताया। खंडपीठ ने कहा कि वास्तविक दशा का पता करने के लिए सभी स्कूलों का पुन:निरीक्षण करना होगा। इसके लिए कमेटी गठित करते हुए राज्य सरकार को इसका खर्च वहन करने के निर्देश दिए गए थे।