
क्या आपको पता है 5 लाख दिनों में तैयार हुआ है राजस्थान हाईकोर्ट का भव्य भवन, पढि़ए इसके रोचक किस्से
जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के झालामंड स्थित नवनिर्मित भवन को मूर्त रूप देने के लिए औसतन 171 श्रमिकों ने पिछले आठ साल से हर दिन काम किया। इस भण्य भवन के निर्माण में करीब पांच लाख मानव दिवस लगे। नए भवन की आधारशिला और इसके बनकर तैयार होने की यात्रा में पूर्व मुख्य न्यायाधीशों से लेकर वर्तमान न्यायाधीशों ने सतत मार्गदर्शन दिया। नए भवन की बुनियादी कवायद पूर्व मुख्य न्यायाधीश एसएन झा के कार्यकाल में शुरू हुई।
राज्य सरकार ने 21 नवंबर, 2006 को भूमि का आवंटन किया। 16 जनवरी, 2007 को इसका कब्जा प्राप्त किया गया। इसके बाद 20 अप्रैल, 2007 को आधारशिला रखी गई। शुरू से ही यह परिकल्पना थी कि भवन ऐतिहासिक और भव्य होना चाहिए। लिहाजा इसकी डिजाइन को लेकर कई बार मंथन हुआ। वास्तुकार टीआर शर्मा ने संसद भवन की तर्ज पर नए भवन निर्माण की डिजाइन पेश की। इसे दिसंबर, 2010 में अनुमोदित किया गया। इसके अगले साल मई में कार्यकारी एजेंसी राजस्थान राज्य सडक़ विकास निगम ने भवन का कार्य शुरू किया। अक्टूबर, 2011 में पहली छत डाली गई।
भवन में सबसे ज्यादा आकर्षण के केंद्र सेंट्रल डोम का निर्माण जुलाई-अगस्त, 2013 में शुरू हुआ, जो 27 मार्च, 2014 को पूरा हुआ। सेंट्रल डोम का कुल निर्मित क्षेत्रफल 16 हजार वर्ग फिट है, जो 56 स्ट्रक्चरल पीलर्स पर खड़ा है। संपूर्ण भवन का स्ट्रक्चरल वर्क सितंबर-अक्टूबर, 2016 में पूर्ण हो गया, जिसके बाद इंटीरियर व अन्य कार्य चलता रहा। संपूर्ण परिसर को हरीतिमा से आच्छादित किया गया है, जिसका क्षेत्रफल 40 हजार वर्ग मीटर से ज्यादा है। करीब दो हजार पौधे व पेड़ लगाए गए हैं। भवन का मुख्य द्वार इटालियन-रोमन वास्तु पर आधारित है, जिसके लिए तीस फिट ऊंचे पिलर लगाए गए हैं।
Published on:
03 Dec 2019 11:03 am
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