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Interview-राजस्थान में भी अपनाया जा सकता है गुजरात मॉडल : पूनिया

साक्षात्कार

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Interview-राजस्थान में भी अपनाया जा सकता है गुजरात मॉडल : पूनिया

Interview-राजस्थान में भी अपनाया जा सकता है गुजरात मॉडल : पूनिया

राजेन्द्रसिंह देणोक

जोधपुर. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (DrSateesh pnnnia) ने राज्य सरकार के चार साल को विफल करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह से नाकाम रही है। उन्होंने गुजरात मॉडल को सफल बताते हुए कहा कि युवाओं की उत्कंठा और अभिलाषाओं का प्रधानमंत्री पूरा ध्यान रखते हैं। गुजरात में किया गया प्रयोग पूरी तरह सफल रहा है। राजस्थान में अपनाने में कोई बुराई नहीं है। प्रस्तुत है राजस्थान पत्रिका के संवाददाता राजेन्द्रसिंह देणोक से बातचीत के अंश।

सवाल : राज्य सरकार के चार साल कैसे रहे?

जवाब : शांत प्रदेश राजस्थान को गहलोत सरकार (cm Ashok gehlot) ने ग्रहण लगा रखा है। 8 लाख 31 हजार मुकदमे देश की किसी सरकार में नहीं हुए। 17 बलात्कार और 60 हत्याएं रोज हो रही है। प्रदेश में कानून व्यवस्था सबसे बड़ा जन आक्रोश का मुद्दा है। व्यक्ति न घर में सुरक्षित है और न अस्पताल में। दिन दहाड़े लूट-पाट हो रही है। बेरोजगारी चरम पर है। हाल ही में जोधपुर में हुई बजरी माफिया की घटना से शहर सहमा हुआ है। रीट के नाम चीट हो रही। राजस्थान का दृष्य भयावह है। विकास और जनभावनाओं में सरकार विफल रही। उपलिब्धयां भी शून्य है।

सवाल : गुजरात चुनाव जैसा प्रयोग राजस्थान में भी होगा?

जवाब : यह तो पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा। अगर गुजरात मॉडल सफल है तो उसे अपनाने में क्या दिक्कत है। हमनें भी पन्ना प्रमुख और बूथ स्तर से लेकर प्रदेश इकाई तक वैसा ही काम किया है। युवाओं की उत्कंठा और अभिलाषाओं का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा पूरा ध्यान रखते हैं। समय के हिसाब से पार्टी नए नेतृत्व को आगे लाने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रही है। समय-समय पर पार्टी ने यह सिद्ध भी किया है। गुजरात चुनाव इसका बड़ा उदाहरण है। आधे से ज्यादा विधायक बदलकर पार्टी ने युवा सोच को आगे बढ़ाया है।

सवाल : भारत जोड़ो यात्रा का राजस्थान पर क्या असर होगा?

जवाब : भारत जोड़ो यात्रा की उपलिब्ध सिर्फ इतनी सी है कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट की एकसाथ फोटो खिंचवा ली। कांग्रेस कितना ही जोर लगा ले, एंटीइन्कम्बेंसी खत्म नहीं हो सकती। 80 विधायकों ने इस्तीफा दिया था। यात्रा के रवाना होते ही कांग्रेस फिर पुरानी स्थिति में दिखेगी।

सवाल : जनआक्रोश यात्रा में जनता का जुड़ाव कितना रहा?

जवाब : जनआक्रोश यात्रा को जनता ने खुलकर समर्थन दिया। आज ही पोकरण में भारी भीड़ जुटी। इसके जरिए 5 लाख कार्यकर्ता 2 करोड़ लोगों तक अप्रोच कर चुके हैं। लाखों किलोमीटर तक का सफर तय किया है। सरकार के खिलाफ हजारों की संख्या में मिली शिकायतें जनआक्रोश का ही उदाहरण है।