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JNU में प्रतिबंध के बावजूद करवाई परीक्षा, फर्जी डिग्री व मार्कशीट बांटने वाला आरोपी यूं आया गिरफ्त में

विश्वविद्यालय का चेयरमैन व रजिस्ट्रार हो चुके हैं गिरफ्तार  

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JNU fraud case

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जोधपुर. प्रतिबंध के बावजूद जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी में विभिन्न पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं करवाकर फर्जी डिग्री व मार्कशीट बांटने की जांच कर रही स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने रविवार को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से तत्कालीन कॉर्डिनेटर को गिरफ्तार किया। इस मामले में विश्वविद्यालय के चेयरमैन कमल मेहता व रजिस्ट्रार लालचंद गहलोत पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसओजी) रामदेव जलवानिया ने बताया कि प्रकरण में उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के इन्द्रापुरम निवासी संध्या नागौरी (47) पत्नी पंकज आरोपी है। उसे रविवार रात गाजियाबाद से गिरफ्तार करके जोधपुर लाया गया। उसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। उसे पकडकऱ जोधपुर लाते समय रास्ते में आरोपी संध्या की तबीयत बिगड़ गई। बीपी की मरीज होने पर एसओजी ने रास्ते में उसके स्वास्थ्य की जांच कराई।

सात से आठ हजार मार्कशीट बांटी

जलवानिया का कहना है कि आरोपी संध्या नागौरी जेएनयू में तत्कालीन नेशनल कॉर्डिनेटर थी। फर्जी मार्कशीट व डिग्रियां बेचने का मामला सामने आने के बाद सरकार ने विश्वविद्यालय पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद कोई भी नई भर्ती और परीक्षाएं कराने पर बैन लगा दिया गया था। इसके बाद भी जेएनयू ने न सिर्फ परीक्षाएं कराई थी, बल्कि मार्कशीटें भी बांट दी थी। इसी के चलते वर्ष 2015 में जेएनयू के खिलाफ एक और एफआइआर दर्ज की गई थी।

विद्यार्थी की फीस का पांच प्रतिशत मिलता था कमीशन

एसओजी का कहना है कि आरोपी संध्या नागौरी नेशनल कॉर्डिनेटर होने से स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटर व अन्य संस्थानों से विद्यार्थियों की व्यवस्था करवाती थी। किसी भी पाठ्यक्रम के लिए विद्यार्थी के आने पर डिग्री व मार्कशीट करा दी जाती थी। बदले में उसे विद्यार्थी की कुल फीस का पांच प्रतिशत कॉर्डिनेटर को मिलते थे।