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जोधपुर में भाई-बहन का मर्डर: अब सामने आई चौंकाने वाली बात, हत्यारों ने कुचल दिए कविता के सपने

जोधपुर जिले के लूणी में सर गांव रोड पर एसयूवी की टक्कर से मौसेरे भाई-बहन रमेश और कविता की मौत हादसा नहीं, बल्कि जानबूझकर कार से कुचलकर की गई हत्या थी।

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जोधपुर में भाई-बहन का मर्डर: रमेश और कविता

जोधपुर जिले के लूणी में सर गांव रोड पर एसयूवी की टक्कर से मौसेरे भाई-बहन रमेश और कविता की मौत हादसा नहीं, बल्कि जानबूझकर कार से कुचलकर की गई हत्या थी। प्रेम संबंध के चलते मृतक की पत्नी के मित्र शंकर ने दोस्तों के साथ मिल इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा कर तीन युवकों को हिरासत में लिया। मुख्य साजिशकर्ता फरार है। पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ ने बताया कि प्रकरण में हत्या का मामला दर्ज किया गया है। नंदवान निवासी शंकर पटेल, राकेश सुथार, सोहन पटेल व रमेश माली ने रमेश पटेल की हत्याकांड की साजिश रची थी। शंकर ने मोटरसाइकिल से रमेश की रैकी की थी। इसके बाद रमेश माली ने एसयूवी से सोमवार सुबह मोटरसाइकिल को टक्कर मारी थी। जिससे रमेश पटेल और सर निवासी कविता पटेल की मौत हो गई थी।

पुलिस का कहना है कि मृतक रमेश पटेल की तीन साल पहले नंदवान गांव निवासी युवती से शादी हुई थी। युवती व आरोपी शंकर पटेल में मित्रता है। इसके चलते पति-पत्नी में झगड़े व विवाद होते थे। इसी वजह से शंकर अपनी मित्र के पति को रास्ते से हटाना चाहता था। कुछ दिन पहले भी रमेश और उवी पत्नी के बीच झगड़ा हुआ था। तब उसकी पत्नी अपने पीहर नंदवान लौट गई थी, जहां उसने अपने मित्र शंकर पटेल को पति से झगड़े की जानकारी दी थी। जो शंकर को काफी अखर गई थी।

उसने राकेश सुथार, सोहन पटेल व रमेश माली को बुलाया और पूरी बात बताई थी। प्रतिदिन के झगड़ों से बचाने के लिए शंकर ने अन्य तीनों के साथ मिलकर रमेश की हत्या की साजिश रची थी। हत्याकाण्ड में प्रयुक्त एसयूवी राकेश के नाम है। जिसे कुछ समय पहले ही खरीदी गई थी। शंकर पटेल ने भी कार खरीदने में रुपए दिए थे। हत्या के लिए शंकर पिछले एक महीने से साजिश रच रहा था। कुछ दिन पहले भी उसने हत्या का प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं रहा था।

हत्या को हादसे का रूप देने के लिए आरोपियों ने अच्छा प्लान बनाया था, लेकिन राजस्थान पुलिस को मौका मुआयना में कुछ ऐसी बातें सामने आई जिनसे हत्या का संदेह हुआ। कार चालक ने बाइक को टक्कर मारने के बाद काफी दूर जाकर गाड़ी रोकी। मतलब साफ है वे दोनों को मारना चाहते थे। नहीं तो दुर्घटना में कुछ दूरी पर ही ब्रेक लग जाते है। इसके साथ ही टक्कर बीच सड़क पर मारी गई ना की साइड से। इससे दोनों की जान बचना मुश्किल थी। इससे भी पुलिस का हत्या का शक और गहरा गया।

परिजन का कहना है कि कविता की शादी डेढ़-दो साल पहले हुई थी। पति बेंगलुरू में काम करता है। कविता प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही थी। पटवारी भर्ती परीक्षा के लिए वह पिछले एक साल से मेहनत कर रही थी। गत दिनों पटवारी पद पर उसके चयन से दोनों परिवारों में खुशी का माहौल था। दस्तावेज संबंधी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए वह एक माह से जोधपुर में थी। जोइनिंग लेटर मिलने पर वह मौसेरे भाई रमेश के साथ कालीबेरी स्थित पटवार ट्रेनिंग सेंटर जा रही थी, लेकिन उससे पहले ही काल का ग्रास बन गई।

रमेश पटेल के साथ जान गंवाने वाली कविता पटेल के परिजनों को बेंगलुरु से मथुरादास माथुर अस्पताल पहुंचने पर ही कविता की मौत का पता लगा। बेटी की मौत की खबर सुनकर कविता की मां सुध-बुध खो बैठी। बेहोश हुई मां को वहां मौजूद अन्य घरवालों व समाज के लोगों ने संभाला, लेकिन उनकी आंखों से अश्रुधारा निर्बाध बहती रही। सर गांव निवासी कविता का पति व पीहर वाले बेंगलुरु में काम करते हैं। हादसे के बाद परिजनों को कविता की मौत की बजाय घायल होने की ही सूचना देकर जोधपुर बुलाया गया। परिजन मंगलवार को सीधे एमडीएम अस्पताल पहुंचे तो उन्हें कविता की मौत की खबर लगी। यह सुनते ही घरवालों के पैरों तले जमीन खिसक गई।