
भीमभडक़ में मौजूद है जोधपुर का सबसे बड़ा शिवलिंग, पांडवों ने यहां बिताया था अज्ञातवास
जोधपुर. कायलाना झील के आगे बड़ा भाखर वनक्षेत्र की पहाडियों में ‘भीमभडक़’ शिव मंदिर में 3200 किलो वजनी विशाल ‘शिवलिंग’ प्रतिष्ठित है। इसे जोधपुर में सबसे बड़ा शिवलिंग माना जाता है। दूर से देखने पर भीमभडक़ एक विशाल चट्टान की तरह नजर आता है। प्राकृतिक बनावट कुछ ऐसी है, मानो ये विशाल शिलाखंड एक ओर से अधर में झूल रहा हो। किंवदंती है कि महाभारत काल के दौरान पांडवों ने एक वर्ष अज्ञातवास के दौरान पांच दिन भीम भडक़ पहाडी के नीचे तपस्या की थी।
चट्टान के नीचे एक गुफ ा में वैष्णव माता मंदिर भी है। भीमभडक़ सदियों से साधु-संतों की तपोस्थली रहा है। वर्तमान में सेना के अधीन भीम भडक़ स्थल तक पहुंचने के लिए चेकपोस्ट पर परिचय पत्र दिखाने और रजिस्टर में नाम-पता दर्ज करने के बाद ही पहुंचने के अनुमति है। इतिहासविदों के अनुसार जोधपुर के महाराजा मानसिंह ने भी मानसिक शांति के लिए भीमभडक़ पहाड़ी के नीचे कुछ समय तक तपस्या की थी। भीमभडक़ स्थित ‘हंस निर्वाण’ मठ में स्वामी स्वरूपानंद ने 40 वर्ष तक तपस्या की थी।
Published on:
26 Jul 2019 12:36 pm
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