
Jodhpur News: सब्जियों के राजा आलू, प्याज और लहसुन के बढ़ते दामों ने इन्हें आम व मध्यमवर्गीय लोगों की थाली से दूर कर दिया है। आलू और प्याज के बढ़े दामों के बाद अब लहसुन के आसमान छूते दामो ने महिलाओं की चिंता बढ़ा दी है। इस वजह से किचन का बजट भी गड़बड़ा गया है।
आलू, प्याज और लहसुन तीनों अमूमन प्रत्येक सब्जी में साथ में उपयोग होती है। गृहणी मन्नुबाई राव ने बताया कि आलू और प्याज लगातार महंगा होने की वजह से किचन में अब कम उपयोग करने लगे हैं। इसके चलते दूसरी सब्जियों का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। बाजार में अभी आलू के भाव 40 रुपए प्रतिकिलो, प्याज के भाव 50 रूपए प्रतिकिलो और लहसुन के खुदरा भाव 400 रूपए प्रतिकिलो है।
रसोई घरों के साथ साथ छोटी होटलों व ढाबों में फ्री सलाद के रूप में दिए जाने वाला प्याज गायब सा हो गया है। ढाबों में भोजन की थाली में प्याज के सलाद की जगह खीरा ककड़ी ही परोसी जा रही है। कुछ दिनों बाद ही शुरू हो रहे त्योहारी सीजन से पहले लहसुन, प्याज सहित सब्जियों की कीमतों में उछाल ने आम व मध्यमवर्गीय लोगों के थाली का स्वाद फीका कर दिया है
हर सब्जी का अभिन्न अंग लहसुन आम आदमी की पहुंच से दूर जा चुका है। बिलाड़ा मंडी के व्यापारी सोहनलाल व श्रवण माली का कहना है कि इस बार लहसुन उत्पादक शहरों में फसल खराब होने से लहसुन का उत्पादन कम हुआ है। जोधपुर की मंडियों में आवक घट गई है। मंडियों में लहसुन की खासी किल्लत है। स्थानीय मंडी में डिमांड के मुताबिक आपूर्ति नहीं हो पा रही है। मांग बढ़ने और लहसुन की आपूर्ति में कमी आने से दाम अचानक बढ़ गए हैं।
लहसुन के दाम में अचानक आई तेजी ने लोगों की परेशानी को फिर बढ़ा दिया है। प्याज व लहसुन के होलसेल व्यापारी देवाराम माली खारिया मीठापुर अनुसार मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र व राजस्थान में बारिश से प्याज व लहसुन की खेती खराब हो गई है। प्रतापगढ़, मंदसौर, नीमच, रतलाम, जावरा, छोटीसादड़ी, बड़ीसादड़ी, निबाहेड़ा आदि इलाकों में इस बार लंबे समय तक बरसात होने से प्याज-लहसुन की फसलें बिगड़ गई है। महाराष्ट्र से भी आवक नहीं हो रही है। अब दीपावली से पहले भाव सामान्य होने की उमीद है।
Updated on:
23 Sept 2024 04:15 pm
Published on:
23 Sept 2024 12:47 pm
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