
जयकुमार भाटी, जोधपुर। कहते हैं कि यदि इरादे बुलंद हो तो मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है जोधपुर जिले के खारा रणधीर गांव की बेटी उमा चौधरी ने। किसान परिवार में जन्मीं उमा ने अपनी मेहनत के दम पर सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स सीआइएसएफ में हवलदार पद पर नौकरी प्राप्त की। उमा को अपनी मंजिल जेवलिन थ्रो खेल की बदौलत मिली।
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खेत में अभ्यास कर जीत की हासिल
उमा ने बताया कि वर्ष 2019 में गांव में युवाओं को भाला फेंकते देखा तो उस समय मुझे इस खेल के बारे में जानकारी नहीं थी। मुझे यह खेल अच्छा लगने लगा। ऐसे में मैंने खेत में इसका अभ्यास करना शुरू किया और धीरे-धीरे मेरा खेल सुधरने लगा। जेवलिन थ्रो में मेरी रुचि को देखकर माता-पिता ने प्रेरित किया और मैं अब नेशनल तक खेल रही हूं।
पूरी डाइट नहीं मिलती थी
शुरुआत में मुझे अन्य खिलाड़ियों की तुलना में डाइट नहीं मिलती थी। सामान्य डाइट के बावजूद खेल को निखारने के लिए 6 से 8 घंटे अभ्यास जारी रखा। अभी हाल ही आयोजित 26वीं नेशनल फेडरेशन कप सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 रांची में मैंने सिल्वर पदक हासिल किया है। वर्तमान में भोपाल स्थित सीआइएसएफ की सेन्ट्रल एथलेटिक्स यूनिट में ओलंपिक गेम्स की तैयारी कर रही हूं।
Published on:
25 Jun 2023 10:00 am
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