
देवेन्द्र भाटी/अरविन्द सिंह राजपुरोहित
- पुलिस के सामने एस्कोर्ट करते हुए निकलते हैं बजरी के डंपर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश दरकिनार
- गांव से शहर तक ऐसी फिल्डिंग और रूट मैप की हर रात शहर में आते हैं 100 डंपर
बासनी (जोधपुर). राजस्थान में बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी जोधपुर जिले की लूणी तहसील के करनियाली और सतलाना गांव से रोज रात को शहर के अलग अलग इलाकों में 100 से ज्यादा बजरी के डंपर खाली हो रहे हैं। ये डंपर रात को पुलिस की वैन चेतक में बैठे पुलिस वालों की आंखों के सामने होकर निकलते हैं लेकिन मजाल है इन्हें कोई रोक ले। बासनी पत्रिका टीम ने बुधवार देर रात को स्टिंग कर शहर की सड़कों पर बजरी माफिया के फैले राज का पर्दाफाश किया। इस खेल में रोक के बाद सरकार को मिलने वाली रेवेन्यू भी माफिया की जेब में जा रही है।
पत्रिका टीम ने रात को 10 बजे के बाद शहर के बाहर सांगरिया बाइपास चौराहे पर खड़े रहकर इंतजार किया। इस दौरान कई बजरी के खाली डंपर चौराहे से होते हुए सालावास की तरफ निकले। यहीं से सतलाना गांव का रूट निकलता है। जहां बजरी खनन होता है। उसके बाद ठीक 11 बजकर 5 मिनट पर पहला बजरी का भरा हुआ डंपर वहां से निकला। इस दौरान चौराहे पर पुलिस की चेतक वहां खड़ी थी। उसके सामने डंपर निकल गया। उससे पहले एस्कोर्ट करते हुए एक अल्टो कार निकली। इसमें 4 युवक फोन पर डंपर चालक को आगे से आगे रूट के बारे बताते गए। टीम ने लगातार उसका पीछा किया। जिस जगह डंपर खाली हुआ वहां कोई निर्माणाधीन मकान था। खाली करने से पहले एक युवक वहां खड़ा रहकर बजरी खाली कराता है। टीम के फोटो खींचते समय उसने तत्काल फोन निकालकर किसी से बात करनी शुरू कर दी। उसके बाद 11. 50 मिनट पर जब टीम वापिस सांगरिया बाइपास चौराह पहुंची तो वहां से पुलिस की चेतक गायब थी।
10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक
राजस्थान में 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बिना पर्यावरण की मंजूरी के 82 लीज धारकों की ओर से नदी क्षेत्र में अंधाधुंध बजरी खनन से होने वाले पर्यावरण के नुकसान को देखते हुए रोक लगा दी। कोर्ट ने लीज धारकों के साथ राज्य सरकार की मिलीभगत के आरोपों को लेकर राज्य के मुख्य सचिव को 4 सप्ताह में हलफनामा पेश करने का कहते हुए तब तक रोक लगा दी। अब सचिव के हलफनामे के बाद सुनवाई की जाएगी। उसके बाद भी कुछ लीज धारक रोक से पहले जहां खनन कर रहे थे अब भी वहीं से अवैध रूप से रात को खनन कर रहे हैं।
रोक के बाद पनप रहे बजरी माफिया
कोर्ट से पहले एक बजरी के डंपर की कीमत 3 से 5 हजार रुपए के बीच थी लेकिन अब बजरी की कीमतें 18 हजार रुपए प्रति डंपर पहुंच गई हैं। इससे बजरी माफिया चांदी कूट रहे हैं। रात को 11 बजे से सुबह 5 बजे तक शहर के चौपासनी, कुड़ी भगतासनी, पाल रोड, सूरसागर, मंडोर क्षेत्र में 100 से ज्यादा बजरी के डंपर खाली हो रहे हैं। इस दौरान खनन विभाग और पुलिस से मिलीभगत के चलते इनके डंपर बेरोकटोक गांव से शहर में प्रवेश करते हैं। दिन में कुड़ी हाउसिंग बोर्ड के सेक्टर 8 में गोकुल धाम सोसायटी के पास दिन में डंपर खड़े रहते हैं रात होते ही ये ही डंपर खनन स्थल पर पहुंच जाते हैं।
ये हैं अवैध खनन के अड्डे
रोहिट की रेडिय़ो नदी , लूणी नदी और उससे संबंधित सहायक नदियों और नालों से बजरी निकलती है। इस क्षेत्र के आसपास जोधपुर जिले के कांकाणी, करनियाली, सतलाना, भाचरणा, लोलासनी और जिले की सीमा से लगते भाखरी और साजी गांव सहित इन गांवों में अलग अलग जगह बदलकर अवैध खनन किया जाता है।
ये हैं शहर में प्रवेश करने के रास्ते
1. सतलाना से सर सरेचां, सालावास, सांगरिया और सांगरिया फांटा होते हुए जोधपुर शहर की चारों दिशाओं से प्रवेश करते हैं।
थाना क्षेत्र- लूणी, बासनी।
2. लूणी से शिकारपुरा, कांकाणी पाली हाइवे होते हुए झालामंड चौराहे से प्रवेश करते हैं।
थाना क्षेत्र-लूणी, कुड़ी भगतासनी।
3. भाचरणा, फींच, भांडू फिर बाड़मेर हाइवे से बोरानाडा होते हुए शहर में प्रवेश करते हैं।
थाना क्षेत्र-लूणी और बोरानाडा।
10 किलोमीटर पीछा कर पता किया रूट
सांगरिया चौराहे से निकलने के बाद चौपासनी ,पाल रोड और शहर में जाने वाले डम्पर का रूट भी अलग है। सांगरिया बाइपास चौराहे से आधा किलोमीटर चलने के बाद ये डंपर औद्योगिक क्षेत्रों की तरफ जाने वाली गली में मुड़ते हैं। 400 मीटर आगे चलने के बाद डम्पर औद्योगिक इकाइयों को जोडऩे के लिए बनाए जुणावों की ढाणी से होते हुए चार दुकान, अपना बाजार, मस्जिद वाली गली, आठ नम्बर गली चौराहा होते हुए एम्स आवासीय परिसर के सामने आकर पाल की तरफ जाने वाली नहर रोड की तरफ मुड़े। यहां से अशोक उद्यान पहुंचने पर चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाना पुलिस भी मौके पर खड़ी थी, लेकिन उसके पास से डंपर निकला। किसी ने रोका नहीं। आधा किमी आगे चलने के बाद डम्पर पाल रोड स्थित सांई मंदिर की तरफ मुड़ा। यहां से पीपली चौराहे पहुंचने पर डम्पर कुछ देर रुका। जहां कुछ ही मिनटों में पहुंची अल्टो कार ने आगे जाने का इशारा किया। इशारा पाते ही डम्पर चालक कुछ ही दूरी पर स्थित निर्माणाधीन मकान के बाहर बजरी डालकर चलता बना।
हमारे पास स्टाफ व वाहन नहीं
ये बात सही है कि लूणी और रोहिट में सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी अवैध खनन हो रहा है। मेरे पास जैसे ही शिकायत आती है, मैं स्थानीय अधिकारियों को कार्रवाई के लिए कहता हूं। उसके बाद भी अवैध खनन नहीं रूका तो इन अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। हमारे स्टाफ और वाहनों की कमी के चलते हम 24 घंटे अवैध खनन पर नजर नहीं रख सकते हैं। - आरके नलवाया, एडीएम (विजिलेंस), खान निदेशालय उदयपुर।
Published on:
01 Dec 2017 12:16 pm
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