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विदेशी सेना समारोहों में इस्तेमाल होने वाला जोधपुरी हैण्डीक्राफ्ट अटका

- मेड इन इंडिया को झटका- बाधा बन रही सरकारी नीतियां- विदेशों में सैन्य समारोहों में काम में लिए जाते है जोधपुर के सजावटी हैण्डीक्राफ्ट हथियार

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जोधपुर

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Amit Dave

Aug 12, 2021

विदेशी सेना समारोहों में इस्तेमाल होने वाला जोधपुरी हैण्डीक्राफ्ट अटका

विदेशी सेना समारोहों में इस्तेमाल होने वाला जोधपुरी हैण्डीक्राफ्ट अटका

जोधपुर।
विदेशों में मेड इन इंडिया के झण्डे गाड़ रहे भारतीय हैण्डीक्राफ्ट उत्पादों के निर्यात में सरकारी नीतियां बाधा बन रही है। विदेशों में सैन्य समारोह में मेड इन इंडिया या जोधपुर के बने सजावटी हैण्डीक्राफ्ट हथियार (बिना धार वाले) काम में लिए जाते है। जोधपुर से निर्यात होने वाले सजावटी बिनाधार वाले हथियारों के निर्यात में निर्यातकों को शिपमेंट को दिल्ली में कस्टम क्लीयरेंस कराने में समस्याएं झेलनी पड़ रही है । इसका सीधा प्रभाव हजारों हस्तशिल्पियों की रोजी-रोटी पर पड़ रहा है। कस्टम अधिकारियों का तर्क है कि एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट (एक्सिम) पॉलिसी के तहत बिना धार वाले व सजावटी आम्र्स के लिए एनओसी जरूरी होती है। हर राज्य की सरकार आर्टिफिशियल व डेकोरेटिव आम्र्स का लाइसेंस देती है, लेकिन जोधपुर के निर्यातकों के पास यह एनओसी नहीं होती है । राज्य सरकार की ओर से 4 मार्च 2006 में एक अधिसूचना जारी कर सजावटी व बिना धार वाले हथियारों जैसे भाला, कृपाण, तलवार, गीद्ध आदि के व्यवसाय को एनओसी फ्र ी कर दिया था । इसके बाद से राज्य के व्यवसाइयों को आर्टिफि शियल व डेकोरेटिव हथियारों के व्यवसाय के लिए किसी भी प्रकार के एनओसी की जरूरत नहीं हुई।
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केवल आश्वासन मिल रहे
निर्यातकों का कहना है कि इस समस्या के समाधान के लिए कई बार राज्य सरकार को लिख चुके है परन्तु अभी तक केवल आशवासन ही मिला है । राज्य सरकार के उद्योग विभाग की ओर से यहां के निर्यातकों के यहां विजिट कर समस्या का अपडेट लिया गया परन्तु पिछले 3 वर्षो से यह समस्या जस की तस है ।
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विदेशी सेनाओं के अलावा फिल्मों-टीवी में उपयोग
यूरोपियन व अमरीकन देशों की सेनाओं में मिलिट्री डे, एयरफोर्स डे, स्वॉर्ड ऑफ ऑनर, गार्ड ऑफ ऑनर आदि सैन्य समारोहों सहित पुलिस अकादमियों में जोधपुर के बने सजावटी हैण्डीक्राफ्ट हथियार काम में लिए जाते है। इसके अलावा इन सजावटी हथियारों को फि ल्मों, टीवी धारावाहिकों, फ ॉर्म हाउस व घरों में सजाने के लिए भी काम में लिया जाता है।
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सजावटी हथियारों जैसे उत्पादों की डिमांड करीब 29 देशों में पिछले कुछ वर्षो में तेजी से बढी है । इस प्रकार के उत्पादों को जोधपुर से प्रति वर्ष करीब 80 करोड रुपयों का निर्यात हो रहा है। दिल्ली कस्टम्स सहित राज्य सरकार को इस समस्या से अवगत कराया है, उम्मीद है यह जल्द सुलझ जाएगी।
डॉ भरत दिनेश, अध्यक्ष
जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन
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एनओसी मिलने में परेशानी होने से निर्यात में दिक्कत आ रही है। राज्य सरकार से निवेदन है कि इस संबंध में पूर्व में दिए सकुर्लर को रिवाइज कर उसमें आयात-निर्यात संबंधी गतिविधियां भी शामिल करें ताकि निर्यात में दिक्कतें नहीं आएगी।
अरविन्द चौहान, निर्यातक
सजावटी हैण्डीक्राफ्ट हथियार
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