पेडों को बचाने के लिए जोधपुर शहर से 28 किलोमीटर दूर खेजडली में अमृता देवी के नेतृत्व में विक्रम संवत् 1787 शुक्ल पक्ष की दशमी को 363 लोगों ने प्राणोत्सर्ग किया था। इसी पुण्य दिवस को खेजड़ली परिसर में स्थित जम्भेश्वर मंदिर में पर्यावरण प्रेमी परिक्रमा देकर गुरु जंभेश्वर के बताए मार्ग व 29 नियमों की आचार संहिता पर चलने का संकल्प लेकर विष्णु कुंड में हवन व पाहल (पवित्र जल) का आचमन कर घी व खोपरे की आहुतियां देते हैं।
बिश्नोई टाइगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्था की ओर से खेजड़ली स्मारक स्थल परिसर में स्थित मां अमृतादेवी विश्नोई वाटिका में राजस्थान पत्रिका के महाभियान हरयाळो राजस्थान के तहत पौधरोपण कर मेले में आने वाले लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुकता की शपथ दिलाई गई। हरयाळो राजस्थान के तहत समाजसेवी आरके बिश्नोई की ओर से प्रत्येक रक्तदाता को खेजड़ी का पौधा भेंट किया गया। संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल भवाद ने बताया कि पर्यावरण मेले में संस्था के सदस्यों की ओर से रक्तदान कर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। रक्तदान शिविर की तैयारियों को लेकर विश्नोई टाईगर फ ोर्स के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल भवाद की अगुवाई में प्रदेश व जिला पदाधिकारियों की बैठक रखी गई।