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हेरिटेज भवन में आज आखिरी बार लग रही है हाईकोर्ट की अदालतें, अब से इस काम में आएगी यह इमारत

राजस्थान हाईकोर्ट का इतिहास 70 साल पुराना है। राजस्थान हाईकोर्ट का उद्घाटन 29 अगस्त, 1949 को हुआ और न्यायमूर्ति कमलकांत वर्मा पहले मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए। उनके साथ 11 अन्य न्यायाधीशों ने भी शपथ ग्रहण की थी।

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last court hearing at old building of rajasthan high court in jodhpur

हेरिटेज भवन में आज आखिरी बार लग रही है हाईकोर्ट की अदालतें, अब से इस काम में आएगी यह इमारत

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट के हेरिटेज भवन में गुरुवार को अदालती कार्यवाही का अंतिम कार्यदिवस होगा। हाईकोर्ट प्रशासन ने शुक्रवार को अवकाश घोषित कर दिया है। इसके अगले ही दिन शनिवार को नए भवन का उद्घाटन प्रस्तावित है, लेकिन कार्यालय का अवकाश नहीं होने के चलते कुछ कार्मिक हेरिटेज भवन में भी बैठेंगे। हेरिटेज भवन का भविष्य में क्या उपयोग किया जाएगा, इसे लेकर अब तक अधिकारिक तौर कोई निर्णय नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि पूरे भवन या इसके कुछ भाग को जिला न्यायालय को दिया जा सकता है।

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70 साल का इतिहास समेटे है हेरिटेज भवन
राजस्थान हाईकोर्ट का इतिहास 70 साल पुराना है। राजस्थान हाईकोर्ट का उद्घाटन 29 अगस्त, 1949 को हुआ और न्यायमूर्ति कमलकांत वर्मा पहले मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए। उनके साथ 11 अन्य न्यायाधीशों ने भी शपथ ग्रहण की थी। 27 अक्टूबर, 1956 को राष्ट्रपति ने जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट की मुख्यपीठ घोषित की। राजस्थान हाईकोर्ट का हेरिटेज भवन वर्ष 1935 में बनकर तैयार हुआ। इसका निर्माण तत्कालीन नरेश उम्मेदसिंह ने जॉर्ज पंचम के शासन की सिल्वर जुबली की यादगार के तौर पर करवाया था। भवन का निर्माण तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री एसजी एडगर की देखरेख में जोधपुर निवासी गजधर हाजी मोहम्मद नागौरी सिलावट ने किया। भवन के निर्माण पर 4 लाख 50 हजार रुपए खर्च हुए।