मैलाणा निवासी किशनाराम पुत्र जयाराम चौधरी ने ज्ञापन में बताया कि गांव में डामर सड़क निर्माण कार्य के दौरान डम्पर की चपेट से बिजली के तार टूट गए थे और ट्रांसफार्मर नीचे गिर गया था। पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। वह बुधवार सुबह शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचा, जहां पहले से मौजूद ठेकेदार ने गाली-गलौच की। फिर वहां आए थानाधिकारी ने उसके बाल पकड़े और मारपीट की। इतना ही नहीं, उसे शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार भी कर लिया गया था। तहसीलदार के समक्ष पेश करने पर उसे जमानत पर रिहा किया गया था। एसपी कार्यालय में मौजूद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने वृत्ताधिकारी ओसियां को जांच करके रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।
पत्रिका की खबर पर जांच के आदेश थाने में मारपीट के संबंध में राजस्थान पत्रिका ने गुरुवार के अंक में ‘शिकायत लेकर थाने गए युवक से मारपीट का आरोपÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। जिसके बाद मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
यह था मामला जोधपुर जिले के मैलाणा गांव में सड़क निर्माण के दौरान बिजली के पोल गिरने का मामला दर्ज कराने को लेकर बुधवार को खेड़ापा थाने में हंगामा करने पर एक युवक को गिरफ्तार किया गया था। युवक ने पुलिस पर थाने में मारपीट करने का आरोप लगाया था। हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया था। दरअसल, मैलाणा गांव में ग्वालों-जाखड़ों की ढाणी तक सड़क निर्माण चल रहा है। इस दौरान मंगलवार देर शाम डम्पर की चपेट से बिजली के दो-तीन पोल गिए गए और तार टूट गए थे। ग्रामीणों के विरोध पर पुलिस वहां पहुंची, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की।
गांव में रहने वाला किशनाराम चौधरी सुबह शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचा, जहां विवाद होने पर हंगामा हो गया था। पुलिस ने किशनाराम को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। फिर तहसीलदार के समक्ष पेश कर उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था। युवक का आरोप था कि पोल गिरने से नुकसान की शिकायत दर्ज नहीं की। विरोध करने पर थाने में पुलिस ने उसके साथ मारपीट की। जिससे उसके चोटें आईं थीं। थानाधिकारी सुरेन्द्र चौधरी का कहना है कि मंगलवार रात भी युवक ने गांव में हंगामा किया था। सुबह फिर थाने में हंगामा करने पर उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसके साथ मारपीट नहीं की। तहसीलदार के समक्ष पेश करने पर उसे मारपीट की शिकायत करनी थी।