
मानसून में मंडोर के बरसाती नाले न मचा दे कहीं तबाही!
मंडोर. अतिक्रमण की जद में आए मंडोर के बरसाती नाले बरसात के दिनों में विकट समस्या पैदा कर सकते हैं। बरसाती जल सुरपुरा बांध की ओर ले जाने वाले ये छोटे-बड़े नाले कचरे से अटे पड़े हैं, लेकिन जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है। बड़ी बात यह है कि इस क्षेत्र में नालों पर बने घरों के सीवरेज नालों में खोल दिए गए। वहीं कई स्थानों पर नालों की दीवारें सड़क के समानांतर हैं। ऐसे में दुर्घटना संभावित क्षेत्र बना हुआ है। चौंकाने वाली बात यह है कि यहां मुख्य नाले के प्राकृतिक बहाव क्षेत्र में धड़ल्ले से निर्माण हो रहे हैं। बरसात के दिनों में यहां सड़कों पर जलभराव की स्थिति आम जनता के लिए परेशानी का सबब बनती नजर आती है।
अतिक्रमण से अवरुद्ध प्राकृतिक बहाव
बालसमंद नाला बालसमंद झील के ऑवरफ्लो से शुरूहोकर यहां स्थित बालसमंद बस्ती से होता हुआ ओएनजीसी कार्यालय के बाहर मंडोर रोड पर नागादड़ी नाले से मिलता है। यहां से फूल बाग , भगतावतों का बेरा, बनावता बेरा, भुंडावता बेरा व ढलावता बेरा होते हुए सुरपुरा बांध तक जाता है। बालसमंद ओवरफ्लो से ओएनजीसी ऑफिस तक व यहां से मंडोर रोड तक पक्का निर्माण है। इससे आगे यह नाला कच्चा है व प्राकृतिक जल प्रवाह है। इस नाले के प्राकृतिक जल प्रवाह क्षेत्र में निर्माण हो चुके हैं। ऐसे में बरसात के समय बरसाती जल प्रवाह अवरुद्ध होकर समस्या पैदा करता है। लम्बे समय से यही स्थिति बनी हुई है। जिम्मेदार विभाग नाले के प्राकृतिक बहाव की सुध नहीं ले रहा है।
मिसिंग लिंक का निर्माण जरूरी
बालसमंद नाले का ओएनजीसी ऑफिस से इस नाले तक लिंक नहीं है। यहां से इसका मिसिंग लिंक प्रस्तावित है। मिसिंग लिंक बनने से इस नाले का पानी मुख्य सड़क व कॉलोनी में नहीं फैलेगा। वर्तमान में मिसिंग लिंक के चलते जलभराव की समस्या रहती है।
गंदे पानी का निस्तारण
इन नालों में गंदा पानी बड़ी समस्या पैदा कर रहा है। नालों में सीवरेज का पानी रोकने के लिए नगर निगम सक्रियता नहीं दिखा रहा है। ऐसे में इस नाले में सुरपुरा बांध तक गंदे पानी का प्रवाह निरंतर जारी है। नाले के आसपास बसने वाले क्षेत्रवासी गंदे पानी से बहुत परेशान हैं।
एक्सपर्ट व्यू
नाले का प्राकृतिक जल प्रवाह बचाना जरूरी है। बालसमंद नाले के प्राकृतिक जल प्रवाह पर निर्माण हो रहे हैं। निर्मित नाले पर भी अतिक्रमण हो रहा है। नाले के मिसिंग लिंक का निर्माण होने से क्षेत्र में बरसात के समय जलभराव की समस्या कम होगी।
महेश शर्मा, सेवानिवृत्त अधीशासी अभियंता, नगर निगम, जोधपुर
Published on:
14 May 2018 11:46 am
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