
शहरी स्कूलों में भी मिलेगा दूध, तीन दिन उठा सकेंगे लाभ
शिक्षकों ने कहा जरूरी सामान खरीदने के लिए दी गई राशि अपर्याप्त
जोधपुर. शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को सप्ताह में तीन दिन (सोम, बुध व शुक्रवार) को अन्नपूर्णा दूध योजना के तहत दूध पिलाया जाएगा। कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को डेढ़ सौ मिलीलीटर (6 रुपए भुगतान) और कक्षा 6 से 8 के बच्चों को 2 सौ मिलिलीटर (8 रुपए भुगतान पर) पिलाया जाएगा। विद्यालय सरस डेयरी से दूध क्रय करेंगे। राशि सरकार सीधे स्कूल के खाते में डालेगी। पूर्व में शहर में स्कूलों को दोपहर का भोजन भेजने वाली अदम्य चेतना व अक्षय पात्र संस्था को दूध वितरण का जिम्मा दिया गया था। अब सरकार ने यह जिम्मा पुन: स्कूलों पर डाल दिया है। दोनों संस्थाओं पर अब विद्यालयों में रसोई गैस सिलेंडर भरवाने की जिम्मेदारी है। सूत्र बता रहे हैं कि जयपुर मुख्यालय स्तर पर इन संस्थाओं के व्यवस्थापकों ने सिलेंडर भरवाने की जिम्मेदारी लेने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
शिक्षक संगठन बोले
8वीं तक की राजकीय स्कूलों को 25 सौ रुपए सामान खरीदने के दिए जा रहे हैं। इस राशि से 20-30 लीटर आवश्यकता अनुसार भगोना, नल वाली स्टील की टंकी, 2 लीटर स्टील का जग, स्टील का पल्टा, दूध की गुणवत्ता जांच के लिए लेक्टोमीटर आदि खरीदने हैं। इसके लिए पांच हजार रुपए की आवश्यकता होगी। इसके अलावा 20 रुपए की गिलास लेनी है, जो कि इस दर में नहीं आ रही। इस राशि में नामांकन को आधार नहीं माना गया है। पांचवीं तक की स्कूलों को दूध वितरण योजना राशि में 12 सौ रुपए दिए जा रहे हैं।
शहर की स्कूलों को अब दूध गर्म करने और बच्चों को पिलाने के लिए कुक कम हैल्पर की आवश्यकता रहेगी। कुक कम हैल्पर को मानदेय के तौर पर पांच सौ मिलेंगे। शिक्षकों पर गैर शैक्षणिक कार्यभार बढ़ेगा।
- लक्ष्मणदान चारण, जिलाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ
उपखंड अधिकारी शहर की ओर से मंडोर पंचायत समिति सभागार कक्ष में बुधवार सुबह 10 बजे बैठक हुई। इसमें शहर के कई संस्था प्रधान आए। कोई भी योजना शुुरुआत में कठिन लगती है। बच्चों को दूध पिलाना स्कूलों के लिए ज्यादा बड़ा काम नहीं है।
- दिनेश जोशी, शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी, डीईओ प्रारंभिक प्रथम कार्यालय
Published on:
27 Jun 2018 03:15 pm
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