
जोधपुर। दक्षिणी पश्चिमी मानसून की भारत से विदाई शुरू हो गई है। इसकी शुरुआत पश्चिमी राजस्थान से हुई। पूरे जैसलमेर जिले में मानसून हट गया है। बाड़मेर व जोधपुर के पश्चिमी हिस्से से मानसून ने विदा ले ली। बीकानेर का मामूली हिस्सा शामिल है। मानसून की विड्राल लाइन जोधपुर, बाड़मेर और बीकानेर के नोखरा से गुजर रही है।
मौसम विभाग के अनुसार मारवाड़ में वायुमण्डल की निचली परतों में एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन होने और पश्चिमी हवा प्रभावी होने से मानसूनी हवा पीछे सरक गई है। क्षेत्र में बीते पांच दिनों से कोई बरसात नहीं है। गौरतलब है कि मानसून का भारत की मुख्य भूमि पर प्रवेश केरल से होता है और सबसे अंत में यह पश्चिमी राजस्थान में प्रवेश करता है। मानसून हटने के समय यह क्रम उलटा हो जाता है। सबसे पहले थार प्रदेश से विदाई होती है।
8 दिन देरी से हुई विदाई
मानूसन ने इस साल केरल में 8 जून को प्रवेश किया और राजस्थान में 25 जून को पहुंच गया। 2 जुलाई को पूरा राजस्थान सहित भारत कवर हो गया। पश्चिमी राजस्थान से मानसून के विड्राल की सामान्य तिथि 17 सितम्बर है। इस साल 8 दिन देरी से मानसून ने विदाई ली है। गत वर्ष 20 सितम्बर को पश्चिमी राजस्थान से मानसून की विदाई हुूई थी, जबकि पूरे प्रदेश से 23 सितम्बर तक हट गया था।
पश्चिमी राजस्थान में सामान्य से अधिक बारिश
मानसून काल 1 जून से 30 सितम्बर तक होता है, लेकिन इस साल जून में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण मानसून से पहले ही पश्चिमी राजस्थान में मूसलाधार बारिश हो गई थी। इसी कारण अगस्त में पूरा सूखा रहने के बावजूद मारवाड़ में बारिश का आधिक्य है। बाड़मेर में 85 प्रतिशत, जैसलमेर में 10 प्रतिशत और जोधपुर में 41 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज हुई है। अभी तक पूरे प्रदेश में 15 प्रतिशत अधिक बारिश है।
Published on:
26 Sept 2023 09:42 am
बड़ी खबरें
View Allजोधपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
