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जोधपुर . राव जोधा की ओर से मेहरानगढ़ के पश्चिमी छोर पर स्थापित प्रतिहारों की कुल देवी चामुण्डा के मंदिर में आसोजी नवरात्र कुंभ स्थापना के साथ मेहरानगढ़ में गुरुवार से शुरू हुआ। मेहरानगढ़ स्थित चामुंडा माता मंदिर के दर्शन सुबह 7 से शाम ५ बजे तक होंगे। इस बार शराब साथ लाना, पीकर आना, डीजे साउंड सिस्टम के साथ आने पर प्रतिबंध रहेगा और गैस संचालित वाहनों का प्रवेश निषेध रहेगा। उधर, सूर्यनगरी के सभी प्रमुख नवदुर्गा मंदिरों में अनुष्ठानों की तैयारियों को बुधवार को अंतिम रूप दे दिया गया था।
मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के निदेशक करणीसिंह जसोल ने बताया कि सतवर्ती पाठ का संकल्प और स्थापना का मुहूर्त प्रात: 11.15 से 12.05 बजे के बीच रहेगा। तत्कालीन मारवाड़ रियासत की इष्ट देवी मां चामुण्डा की पूजा अर्चना करने के लिए पूर्व सांसद गजसिंह व हेमलता राज्ये उपस्थित रहेंगे। घनश्याम त्रिवेदी ब्रह्म मुहूर्त में मां चामुण्डा, कालका जी, मां सरस्वती व बेच्छराजजी की मूर्तियों को पवित्र जल से स्नान कराएंगे और लाल रंग की कोर तुर्रियां प्रात: काल मंदिर के शिखर मुख्य ध्वजा चढ़ाई जाएंगी। इसके साथ ही चारों दिशाओं में छोटी-छोटी ध्वजाएं चढ़ाई जाएंगी। चामुण्डा मंदिर के पास 'उपासनालय' कक्ष में नौ वेदपाठी ब्राह्मण स्थापना से महानवमी २९ सितंबर तक दुर्गापाठ का वाचन करेंगे। वहीं २८ सितंबर को अष्टमी की रात हवन शुरू किया जाएगा, जिसकी पूर्व सांसद गजसिंह व हेमलता राज्ये की ओर से महानवमी २९ सितंबर को सुबह सवा ग्यारह से सवा बारह बजे के मध्य पूर्णाहुति होगी।
ये हैं पूजन का सर्वश्रेष्ठ समय
घर-घर घट स्थापना के साथ ही गुरुवार को शारदीय नवरात्र आरंभ हो जाएंगे। गुरुवार सुबह 6:30 से 8:25 बजे तक शुभ तथा दोपहर 12:07 से 12:55 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना करना श्रेष्ठ है। पंडित ओमदत्त शंकर महाराज के अनुसार सुबह 11 से 12:30 बजे तक चर चौघडिय़ा में भी घट स्थापना की जा सकती है। सुबह 10:40 से 12:59 बजे तक स्थिर लग्न भी घट स्थापना के लिए शुभ माना गया है।
यह रहेगी प्रवेश व्यवस्था
जयपोल के बाहर से ही एक पंक्ति में लाइनों की व्यवस्था मंदिर तक रहेगी। डीएफ.एमडी गेट से ही जयपोल व फ तेहपोल से दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जा रहा है। पट्टे पर महिलाओं, बच्चों व वृद्धजनों के लिए आने-जाने की व्यवस्था रहेगी। वे वहीं से जाएंगे और वहीं से आएंगे। इसी प्रकार पुरुषों व युवाओं के लिए सलीमकोट से होते हुए बसंतसागर से आने-जाने की व्यवस्था रहेगी। सभी जगहों पर बेरिकेट्स लग चुके हैं। इसी तरह प्रशासन की ओर से एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड की भी व्यवस्था रहेगी। जसोल ने बताया कि पिछले साल एक लाख से अधिक दर्शनार्थियों ने नवरात्रा के दौरान मां चामुंडा के दर्शन किए थे।
Published on:
21 Sept 2017 09:36 am
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