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पंचायत का नया भवन किराए पर दिया, ग्रामीण विरोध में उतरे

कनोडिया महासिंह में ग्राम पंचायत का नया भवन बनने में पांच साल लग गए। गांव के जनप्रतिनिधि और ग्रामीण उम्मीद कर रहे थे पंचायत का नया कार्यकाल नए भवन में शुरू होगा। लेकिन जब उन्हें पता लगा कि भवन बनते ही उसे किराए पर दे दिया गया है तो वे धरने पर बैठ गए।  

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पंचायत का नया भवन किराए पर दिया, ग्रामीण विरोध में उतरे

पंचायत का नया भवन किराए पर दिया, ग्रामीण विरोध में उतरे

सेतरावा (जोधपुर). क्षेत्र की ग्राम पंचायत कनोडिया महासिंह में ग्राम पंचायत का नया भवन बनने में पांच साल लग गए। इस ग्राम पंचायत के गठन को भी कमोबेश इतना ही समय हुआ है। गांव के जनप्रतिनिधि और ग्रामीण उम्मीद कर रहे थे पंचायत का नया कार्यकाल नए भवन में शुरू होगा। लेकिन जब उन्हें पता लगा कि भवन बनते ही उसे किराए पर दे दिया गया है तो वे विरोध पर उतर आए और रविवार को धरने पर बैठ गए।


कनोडिया महासिंह के पहले सरपंच का कार्यकाल किराए के भवन में निकल गया। मार्च में हुए चुनावों में दूसरे सरपंच का कार्यकाल शुरू हो गया। इससे पहले ग्राम पंचायत का नया भवन बनकर तैयार था। सिर्फ उद्घाटन की औपचारिकता बाकी थी। ग्राम पंचायत ने इस नवनिर्मित भवन के कक्षों को क्षेत्र में कलाऊ फांटा-कनोडिया महासिंह-जेठानिया -सेतरावा सडक़ निर्माण करवाने वाली एजेन्सी सीमा सडक़ संगठन को किराए पर दे दिया। ग्रामीणों को इसका पता लगते ही उन्होंने विरोध शुरू कर दिया और वे धरने पर बैठ गए।

ग्रामीणों ने प्रशासन व संबधित विभाग को भी विरोध से अवगत करवाया। ग्रामीणों का आरोप है कि विरोध के बावजूद 11 जून को इसका सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी ने रजिस्ट्रेशन भी करवा दिया। वार्ड पंच व उप सरपंच भी भवन किराए पर देने के विरोध में है।


ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत के सामने बीस मीटर दूर राउमावि है। सडक़ सीमा संगठन की बड़ी मशीनरी हर समय पंचायत भवन में आती-जाती रहती है। इससे बच्चों की दुर्घटना का खतरा रहता है। ग्राम पंचायत का खुद का भवन होने के बावजूद कार्यालय दूसरी जगह संचालित करना पड़ेगा।

धरने पर बैठने वालों में हाथीसिंह, हीराराम जाणी, बाबूराम, मोहनराम मेघवाल, मनोहरसिंह, गेपरसिंह , इब्राहिम खान, रूपसिंह, दलपतसिंह, जोगाराम, चुतराराम, गोरधन सिंह, चनणाराम सहित ग्रामीण शामिल थे।