
New doors of open thinking in Motilal Shastri lecture series
जोधपुर. पंडित मोतीलाल शास्त्री संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान और वेदों के ज्ञाता थे और वेद शास्त्र भारत की मौलिक निधि हैं। वेद के माध्यम से हमें धर्म और अध्यात्म का मार्ग सरल और सुगम नजर आता है। शंकर शिक्षायतन नई दिल्ली और जयनारायण व्यास विश्वविद्याालय के पं. मधुसूदन ओझा शोध प्रकोष्ठ संस्कृत विभाग के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र के गांधी भवन में आयोजित पं. मधुसूदन ओझा के प्रधान शिष्य पं. मोतीलाल शास्त्री स्मृति व्याख्यानमाला में यह स्वर मुखर हुआ।
वेद शास्त्र भारत वर्ष की मौलिक निधि
संस्कृत विभाग के आचार्य प्रो. सत्यप्रकाश दुबे ने बताया कि रेजीडेन्सी रोड स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान में 'वेद शास्त्र : भारत वर्ष की मौलिक निधि विषयक व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान जयपुर के प्राचार्य प्रो. अर्कनाथ चौधरी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति से सम्मानित पं. ओझा शोध प्रकोष्ठ के पूर्व निदेशक प्रो. डॉ.गणेशीलाल सुथार ने की।
उत्साह से भाग लिया
संस्कृत विभाग अध्यक्ष प्रो. डॉ. सरोज कौशल ने बताया कि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गुलाबसिंह चौहान मुख्य अतिथि, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली के डॉ. संतोषकुमार शुक्ल सारस्वत अतिथि और कला शिक्षा समाज विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. डॉ.कौशलनाथ उपाध्याय विशिष्ट अतिथि थे। इस मौके संस्कृत के विद्वानों,अकादमिकों, रचनाकारों और विद्यार्थियों ने उत्साह से भाग लिया।
Published on:
23 Feb 2019 04:19 pm
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