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GST में इस नए प्रावधान से फिर मजबूत होगा लघु उद्योग, खुलेंगे आसान कर्ज के रास्ते, रिटर्न भरने में होगी आसानी

नए साल की शुरुआत से जीएसटी में लागू हो रहे नए प्रावधान लघु उद्योगों को ‘संजीवनी’ देंगे। जीएसटी में बिजनेस टू बिजनेस ई-इनवॉयसिंग सिस्टम लागू होने से सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई ) क्षेत्र के लिए बैंकों से कर्ज लेना आसान हो जाएगा।

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new provisions made for GST filing in small scale industries in india

GST में इस नए प्रावधान से फिर मजबूत होगा लघु उद्योग, खुलेंगे आसान कर्ज के रास्ते, रिटर्न भरने में होगी आसानी

अमित दवे/जोधपुर. नए साल की शुरुआत से जीएसटी में लागू हो रहे नए प्रावधान लघु उद्योगों को ‘संजीवनी’ देंगे। जीएसटी में बिजनेस टू बिजनेस ई-इनवॉयसिंग सिस्टम लागू होने से सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई ) क्षेत्र के लिए बैंकों से कर्ज लेना आसान हो जाएगा। यह सिस्टम कर्ज देने के लिए आवश्यक बैंकों की कागजी प्रक्रिया को सीमित करेगा। जीएसटी काउंसिल ने इस संबंध में देश के प्रमुख औद्योगिक संगठनों को अवगत कराया है।

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इस दायरे में जोधपुर के हैण्डीक्राफ्ट, स्टील, टेक्सटाइल आदि उद्योग भी शामिल होंगे। सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इनवॉयस एक स्टैंडर्ड फ ॉरमेट में उपलब्ध होगा। इसे किसी भी सिस्टम पर पढ़ा जा सकेगा और सेंट्रल सिस्टम पर इसकी रिपोर्टिग हो सकेगी। अभी तक सबसे बड़ी दिक्कत यह थी कि अलग-अलग फोंट और सिस्टम में तैयार होने वाले जीएसटी इनवॉयस केवल उसी प्रकार के सिस्टम पर खोले जा सकते थे। जबकि ई-इनवॉयस को सभी एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर अपना सकेंगे।

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ई-इनवॉयस जनरेट करने की जिम्मेदारी कारोबारी की
नए सिस्टम में ई-इनवॉयस जनरेट करने की जिम्मेदारी कारोबारी अथवा करदाता की होगी। इसे जीएसटी के इनवॉयस रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर रिपोर्ट करना होगा। यह पोर्टल एक यूनिक इनवॉयस रेफ रेंस नंबर जनरेट करेगा और डिजिटल साइन वाले इनवॉयस के साथ क्यूआर कोड भी उपलब्ध कराएगा। सिस्टम के जरिए क्यूआर कोड इनवॉयस वापस जनरेट करने वाले करदाता के पास आ जाएगा। जिसमें ई-इनवॉयस और रिटर्न की समस्त जानकारी होगी।

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8 सॉफ्टवेयर सूचीबद्ध
जिन कारोबारियों के पास एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर नहीं होगा, वे गुड्स एण्ड सर्विस टेक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) से सम्बद्ध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकेंगे। जीएसटीएन ने एकाउंटिंग और बिलिंग से संबंधित आठ सॉफ्टवेयर एम्पैनल (सूचीबद्ध) किए हैं।

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1 जनवरी से लागू होगी
- 500 करोड़ रुपए और उससे अधिक का सालाना कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए 1 जनवरी 2020 से ई-इनवॉयसिंग की व्यवस्था लागू करने जा रही है। हालांकि यह स्वेच्छा और प्रायोगिक आधार पर होगा।
- 100 करोड़ रुपए या इससे अधिक के कारोबार वाली इकाइयां 1 फ रवरी 2020 से ई-इनवॉयसिंग कर पाएंगी।
- अप्रेल 2020 से सभी कंपनियों के लिए लागू होने के बावजूद 100 करोड़ रुपए से कर्म टर्नओवर वाली इकाइयों के लिए ऐसा करना स्वैच्छिक होगा।

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इनका कहना है
ई-इनवॉयसिंग जीएसटी सरलीकरण की दिशा में बड़ा कदम है। इसके दूरगामी परिणाम होंगे।हालांकि सिस्टम रिसोर्स, स्टैण्डर्ड फॉर्मेट लाना और व्यापारियों तक जानकारी पहुंचाना चुनौती का काम होगा।
- अर्पित हल्दिया, सीए व जीएसटी एक्सपर्ट

जीएसटी सरलीकरण की नई व्यवस्था अच्छी है। तकनीकी ढांचा मजबूत रहा तो उद्यमियों को दिक्कत नहीं होगी। इससे भ्रष्टाचार कम होगा।
- डॉ भरत दिनेश, अध्यक्ष, जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन