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अब ससम्मान हो सकेगा कोरोना के शिकार मृतकों का अंतिम संस्कार, यह नियम हुए लागू

कोरोना का शिकार होकर जान गंवाने वाले लोगों का अंतिम संस्कार अब धार्मिक रीति रिवाजों की पालना के साथ ससम्मान हो सकेगा। जिला प्रशासन ने इस सम्बन्ध में जारी गाइड लाइन में संशोधन किया है। इसके तहत मृतक के परिजनों की सहमति से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में चार सरकारी या गैर सरकारी व्यक्ति शामिल हो सकेंगे।

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new rules set for death cremation of coronavirus patients

अब ससम्मान हो सकेगा कोरोना के शिकार मृतकों का अंतिम संस्कार, यह नियम हुए लागू

जोधपुर. कोरोना का शिकार होकर जान गंवाने वाले लोगों का अंतिम संस्कार अब धार्मिक रीति रिवाजों की पालना के साथ ससम्मान हो सकेगा। जिला प्रशासन ने इस सम्बन्ध में जारी गाइड लाइन में संशोधन किया है। इसके तहत मृतक के परिजनों की सहमति से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में चार सरकारी या गैर सरकारी व्यक्ति शामिल हो सकेंगे।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की 15 मार्च को जारी गाइडलाइन के अनुरूप जिला प्रशासन ने शव निस्तारण की व्यवस्था निर्धारित की थी। इसके अनुसार मृतक व्यक्ति के परिजनों को अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति नहीं है। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया नगर निगम के कार्मिक ही गाइड लाइन के अनुरूप पूरी करते हैं। इस पर कुछ समाजों ने आपत्ति भी जताई थी।

कहा गया था कि अंतिम संस्कार में सम्भवत: धार्मिक रीति रिवाजों की पालना सही ढंग से नहीं की जा रही है। खासतौर पर शव दफनाए जाने से पूर्व की रस्मों को लेकर आपत्ति थी, लेकिन जिला प्रशासन केंद्र सरकार की गाइड लाइन के कारण कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं था। इस प्रक्रिया में नगर निगम के कर्मचारी ही शामिल हो सकते थे। इसी दौरान कोरोना संक्रमण के दौरान जयपुर से स्पेशल ड्यूटी पर भेजे गए भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अरशद अली के सामने भी विभिन्न बैठकों में यह मु²ा उठाया गया।

मथुरादास माथुर अस्पताल के कोरोना वार्ड में तैनात एक नर्सिंग कर्मचारी ने अरशद अली के जरिए जिला प्रशासन के समक्ष एक प्रोजेक्ट पेश किया। इसमें शव को दफनाने से पहले गुस्ल की रस्म के लिए एक विशेष चैम्बर में शव रखकर उसे हाइपोक्लोराइट से सेनिटाइज करने का डेमो दिया गया। जिला प्रशासन को बताया गया कि इस प्रक्रिया में कुछ डॉक्टर व नर्सिंग कर्मी शामिल हो सकते हैं, जिन्हें संक्रमण का खतरा भी नहीं रहेगा।

जिला प्रशासन ने प्रोजेक्ट पर विचार करने के बाद शुक्रवार देर रात आदेश जारी कर नियमों में कुछ ढील दे दी। इसके तहत मृतक के परिजनों के बताए गए चार व्यक्ति गाइडलाइन के अनुरूप शव को सेनिटाइज कर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। इसके लिए परिजनों को निर्धारित प्रपत्र में लिखित सहमति देनी होगी।