
MILLET---किसानों का रास आई बाजरा की नई किस्म : 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में बुवाई, कहां पढि़ए पूरी खबर
जोधपुर।
मण्डोर स्थित कृषि विश्वविद्यालय में विकसित हाइब्रिड बाजरा की नई किस्म एमपीएमएच-17 किसानों को रास आई है। एमपीएमएच-17 किस्म पौष्टिकता व गुणवत्ता के कारण किसानों को रास आने लगी है, इसी कारण इस वर्ष भी किसानों ने एमपीएमएच-17 की बुवाई में ज्यादा रुचि दिखाई है। इस बार जिले में करीब 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में एमपीएमएच-17 की बुवाई हुई है। नई किस्म में आयरन व जिंक तत्वों की अधिकता पाई जाती है, जो कुपोषण को समाप्त करने में भी कारगर साबित होगी। यह किस्म पश्चिमी राजस्थान के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में अधिक उत्पादन देने में सक्षम है। इस किस्म का सिट्टा बालोंयुक्त तथा दाना पीला-भूरा गोलाकार होता है, जो खाने में स्वादिष्ट होता है।
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सबसे पहले दइकड़ा में बुवाई
कृषि विवि की ओर से विकसित हाइब्रिड किस्म एमपीएमएच-17 को वृहद् स्तर पर सबसे पहले जिले के दइकड़ा गांव में लगाया गया था। जहां करीब 300 से अधिक किसानों ने इस किस्म की एक साथ बुवाई की थी, और अन्य किस्मों की तुलना में इस किस्म के अच्छे परिणाम आए थे। इसके बाद, यह किस्म पूरे राजस्थान में लोकप्रिय हो गई और अब सबसे ज्यादा इसी किस्म की बुवाई की जा रही है।
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अन्य किस्मों से ज्यादा बेहतर
- नई हाईब्रिड बीज में अधिक तापमान सहन करने की शक्ति।
- इस किस्म के दोनों पैतृकों (नर व मादा) में अधिक तापमान सहन करने की शक्ति हैं।
- दोनों पैतृकों की ऊंचाई 2.5 फीट की होती हैं, इनसे तैयार संकर बाजरे की ऊंचाई लगभग 7 फीट तक की होती है।
- इस किस्म में राजस्थान के देशी बाजरी के सभी गुण विद्यमान हैं।
- पक्षियों से होने वाले नुकसान से बचने के लिए रोयेंदार सिट्टें होते हैं।
- संकर बाजरे के सिट्टे की लम्बाई पैतृकों के मुकाबले अधिक हैं।
- सिट्टें के पकने तक पौधें हरी अवस्था में रहते है, जो गर्मी के दिनों में पशुओं के पौष्टिक चारे के रूप में उपयोग में लाए जा सकते है।
- इस संकर बाजरे के नर पैतृक के पौधों का फुटाव निरंतर जारी रहता हैं, जिससे संकर बीज उत्पादन के लिए मादा पैतृक को परागणों की लगातार आपूर्ति होती रहती हैं।
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विवि की ओर से विकसित बाजरा की हाइब्रिड किस्म एमपीएमएच-17 अच्छा उत्पादन दे रही है। यह पश्चिमी राजस्थान की जलवायु के अनुकूल है।
प्रो बीआर चौधरी, कुलपति
कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर
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गांव के अधिकांश किसान एमपीएमएच-17 की ही बुवाई कर रहे है। यह किस्म हर साल अच्छा उत्पादन दे रही है।
मोहनराम सारण,अध्यक्ष
दइकडा ग्राम सेवा सहकारी समिति
Published on:
25 Jul 2022 09:50 am
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