
आर्मी को करना होगा डिजिटलाइज्ड, डीआरडीओ के साथ निजी संस्थान आगे आएं
जोधपुर. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) जोधपुर का स्थापना दिवस वर्चुअल तरीके से रविवार को मनाया गया। समारोह में सभी अतिथि ऑनलाइन शामिल हुए, जिसका प्रसारण यू टयूब व फेसबुक पर अपराह्न 4 से शाम छह बजे तक किया गया।
मुख्य अतिथि 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि बदलती जरुरतों के साथ जियोपॉलिटिक्स में भी बदलाव हो रहा है। अब सेना को डिजिटल टेक्नोलॉजी से लैस करना होगा। सेना का मॉर्डेनाइजेशन काफी जरुर हो गया है। इसके लिए रक्षा प्रयोगशाला, सीएसआईआर के साथ निजी संस्थानों को आगे आना होगा। देश के विकास में वृद्धि के लिए उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचना में निवेश जरुरी बताया। सिंह बोले कि 2018 में देश में स्वास्थ्य पर जीडीपी का केवल 0.96 प्रतिशत ही खर्च हुआ। इसमें राज्य सरकारों को अधिक हिस्सा है। उन्होंने कृषि में तकनीकी लाने के लिए डिजिटल एग्रो रेवाल्यूशन का प्रस्ताव रखा।
कार्यक्रम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव डॉ पीके मिश्रा, केंद्र सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव अमित खरे, आइआइटी की बॉर्ड ऑफ गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. आर चिदम्बरम, आइआइटी जोधपुर के निदेशक प्रो शांतनु चौधरी ने संबोधित किया। पूर्व सांसद गजसिंह भी कार्यक्रम में ऑनलाइन उपस्थित थे। संचालन डॉ. अंकिता शर्मा ने किया।
आइआइटी की पहली विज्ञान पत्रिका का विमोचन
समारोह में आइआइटी जोधपुर की विज्ञान पत्रिका ‘टेक स्कैप’ के पहले संस्करण का विमोचन किया गया। इसमें आइआइटी जोधपुर में अनुसंधान कार्यों की जानकारी दी गई है।
7 शिक्षकों को पुरस्कार
वर्चुअल समारोह में सात शिक्षकों को पुरस्कृत किया गया। बेस्ट टीचर का एवार्ड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ. संदीप कुमार यादव, डॉ. दीपक फुलवानी और कम्प्यूटर साइंस के डॉ. आनंद मिश्रा को मिला। इंस्टीट्यूट का रिसर्च एक्सीलेंसी एवार्ड दो कैटेगरी में दिया गया। चालीस वर्ष से कम उम्र में जीव विज्ञान विभाग के डॉ अमित कुमार मिश्रा और भौतिकी के डॉ. सोमनाथ घोष को मिला। चालीस वर्ष से अधिक उम्र की कैटेगरी में भौतिक विज्ञान विभाग के ही डॉ. महेश कुमार और डॉ. सुभाशीष बैनर्जी को मिला।
Published on:
03 Aug 2020 11:28 am
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