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बिन पानी सब सून: किराणे के सामान से भी ज्यादा पीने के पानी पर खर्च!

Water Crisis in Jodhpur कई कॉलोनियां निजी डवलपर्स ने विकसित की हैं। लोगो ने प्लॉट लेकर मकान बनाए, बिजली तो पहुंच गई, लेकिन पानी की सुविधा नहीं मिली। इसके पीछे हमेशा तर्क बजट नहीं होने का दिया जाता है।

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Water Crisis in Jodhpur किराणे का सामान लाते हैं तो वह भी ढाई से तीन हजार में आ जाता है, लेकिन पानी के लिए तो हर महीने तीन से साढ़े तीन हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं। यह कहना है केंट क्षेत्र के बालाजी नगर में रहने वाली सीता देवी का। इसी क्षेत्र की रहने वाली हीरा बताती हैं कि 10 से 15 साल हो गए हैं मकान बनाए हुए। पानी की लाइन का सपना तक पूरा नहीं हुआ। हर पांच-सात दिन में पानी के टैंकर मंगवाकर संघर्ष करना पड़ता है।

अब और गहराएगा संकट
सर्दी का सीजन अब विदाई ले रहा है और पतझड़ के बाद गर्मी दस्तक देगी। इसी के साथ अगले महीने से इंदिरा गांधी नहर में क्लोजर होगा। यह क्लोजर कई मायने में अहम होगा, क्योंकि जहां नियमित पेयजल सप्लाई है वहां तो सुचारु पेयजल सप्लाई के दावे किए जाते हैं, लेकिन जहां आज तक पेयजल लाइन पहुंची ही नहीं और जहां पानी की सप्लाई टैंकर व्यवस्था पर ही निर्भर है, वहां संकट और गहरा सकता है। ऐसी ही पीड़ा झेल रही बस्तियों में पत्रिका की टीम पहुंची और हालात देखे।

इन कॉलोनियों में लोगों ने बयां की परेशानी
शहर के कैंट रेलवे स्टेशन के समीप कॉलोनीवासियों को 20 साल हो गए बसे हुए। यहां के बालाजी नगर, श्रीराम नगर, ओम नगर, गणेश नगर, मिरासी कॉलोनी सहित आसपास कॉलोनी में पानी के टैंकर से प्यास बुझा रहे हैं।

500 से 700 रुपए तक एक बार में खर्च
यहां लोगों ने बताया कि साधारण: मीठे पानी का टैंकर एक बार मंगवाने के 500 से 700 रुपए लग रहे हैं। एक टैंकर पांच से सात दिन चलता है। ऐसे में एक परिवार को पांच से छह टैंकर एक महीने में मंगवाना पड़ता है जिसका खर्च 3500 से 4000 रुपए प्रति माह तक आता है।

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28 फरवरी तक मौका, फिर अवैध कनेक्शनों पर सख्ती
वहीं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से राइजिंग मैन एवं जल वितरण पाइप लाइन पर किए गए अवैध जल सम्बन्ध को हटाने, पानी की चोरी रोकने के लिए एवं अवैध रूप से बूस्टर लगाने को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अधीक्षण अभियंता जेसी व्यास ने बताया कि जिन लोगों ने पेयजल लाइन से अवैध कनेक्शन कर रखा है वह 28 फरवरी तक निर्धारित प्रक्रिया अपना कर कनेक्शन को नियमित करवा सकते हैं। इसके बाद जांच कनेक्शन काटे जाएंगे। यह नियमितीकरण सिर्फ पेयजल वितरण लाइन पर ही लागू होगा। यदि राइजिंग मैन लाइन से अवैध कनेक्शन ले रखा है तो कनेक्शन काटकर पैनल्टी लगाई जाएगी।

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