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क्षमता 21 की, सिटी बस में भरी थी 46 सवारियां

क्षमता 21 की, सिटी बस में भरी थी 46 सवारियां - 18 सिटी बसें सीज,10 का हाथों-हाथ चालान पत्रिका में छपी खबर पर मोबाइल मजिस्ट्रेट ने लिया संज्ञान

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क्षमता 21 की, सिटी बस में भरी थी 46 सवारियां

क्षमता 21 की, सिटी बस में भरी थी 46 सवारियां

जोधपुर.

महानगर मोबाइल मजिस्ट्रेट डॉ. अजयकुमार विश्नोई ने राजस्थान पत्रिका के गुरुवार के अंक में ‘बेलगाम दौड रही सिटी बसें, लोगों की जान जोखिम में’ शीर्षक से प्रकाशित खबर पर संज्ञान लेते हुए सिटी बसों की सघन जांच का अभियान शुरू कर दिया।

डॉ. विश्नोई सुबह साढ़े 11 बजे चोपासनी रोड स्थित चीरघर तिराहे पहुंचे और सिटी बस रूट संख्या 15 तथा सात की करीब 60 बसों की आकस्मिक जांच की। अधिकांश बसों के स्पीड गवर्नर काम नहीं कर रहे थे और कई बसें ओवरलोड मिली।

क्षमता 21 की, सवारियां 46
जांच के दौरान एक सिटी बस में 46 सवारियां भरी थी, जबकि सिटी बस की क्षमता अधिकतम क्षमता 21 लोगों के बैठने की होती है। डॉ. विश्नोई ने इस बस का चालान कर चालक को नियमों से चलने की सख्त हिदायत दी। इसके अलावा तेज गति, बिना स्पीड गवर्नर और क्षमता से अधिक सवारियां बिठाने वाली 18 बसों को कर दस से अधिक बसों के चालान काटे। कार्रवाई के दौरान पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे। मोबाइल मजिस्ट्रेट ने पुलिस कंट्रोल रूम में भी दिया तेज गति से चलने वाली सिटी बसों के खिलाफ अधिक से अधिक कार्रवाई के निर्देश दिए।

बस चालकों में खौफ

करीब दो घंटे चले जांच अभियान के दौरान रूट नंबर 15 के सिटी बस चालकों में खौफ फैल गया। कुछ सिटी बसें बीच रास्ते में ही लौट गई। कई सिटी बस चालकों ने फोन कर पीछे आ रहे सिटी बस चालकों को जांच अभियान की जानकारी दी। जांच के दौरान चीरघर तिराहे पर लोगों की भीड़ जमा हो गई।

जनता भी हो जागरूक

शहर में बेलगाम चल रही सिटी बस चालक मुनाफे के चक्कर में नियमों के प्रति लापरवाही बरत रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस और परिवहन अधिकारी गाहे-बगाहे कुछ चालान बनाकर खानापूर्ति कर रहे हैं। न्यायपालिका भी लगातार सजग है लेकिन यात्री अपनी सुरक्षा को लेकर जागरूक नहीं हैं। क्षमता से अधिक सवारियां बैठी होने के बाद भी लोग बस में सवार हो जाते हैन। विद्यार्थी तो दरवाजे पर लटक कर यात्रा करते नजर नहीं आते। सडक़ के बीच सिटी बस रोकने पर भी कोई विरोध या यातायात पुलिस और परिवहन विभाग को शिकायत की जाती है। इसी का परिणाम है कि सिटी बसों पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा है। आम जनता को इस तरह की अनियमितता बरतने और प्रदूषण फैलाने वाले सार्वजनिक परिवहन वाहनों की शिकायत संबंधित परिवहन अधिकारी या यातायात पुलिस के हेल्पलाइन नंबर पर करनी चाहिए।

यात्रियों ने दिया पत्रिका को धन्यवाद

चौपासनी हाउसिंग बोर्ड के 14 सेक्टर में रहने वाले अमित गांधी ने सिटी बसों की जांच कार्रवाई के दौरान रूट नम्बर 15 की एक सिटी बस में सवार थे। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह पत्रिका की खबर का ही असर है।