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पाक की सिंध घाटी में टिड्डी की स्प्रिंग ब्रीडिंग, भारत से छिपाया सच

ईरान व पाक के दक्षिणी हिस्से से टिड्डी भीतर पहुंची, मौन रहा पाक, 42 दिन में आए 31 टिड्डी दल  

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pakistan hide report of spring breeding of locust in sindh area

पाक की सिंध घाटी में टिड्डी की स्प्रिंग ब्रीडिंग, भारत से छिपाया सच

गजेंद्रसिंह दहिया/जोधपुर. ग्लोबल वार्मिंग के कारण इस बाद टिड्डी ने अप्रेल-मई में पाकिस्तान के सिंध घाटी में स्प्रिंग ब्रीडिंग करके सिंध और पंजाब प्रांत में अंडे दे दिए, जबकि स्प्रिंग ब्रीडिंग का सामान्य क्षेत्र ईरान का दक्षिणी हिस्सा और पाकिस्तान से लगता सिस्तान-ब्लूचिस्तान क्षेत्र है। पाकिस्तान ने यह सच संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) और भारत से छिपाया। एक पखवाड़े पहले एफएओ के टिड्डी विशेषज्ञ कीथ क्रिसमैन के जरिए सूचना मिली तो अधिकारियों के कान खड़े हो गए। भारत को इसकी सूचना मिल जाती तो पाक में निरोधात्मक उपाय करवा कई टिड्डी दलों को रोका जा सकता था।

सिंध घाटी में टिड्डी के प्रजनन से हॉपर पैदा हो रहे हैं। कुछ जगह टिड्डी दल भी बन गए हैं। अब यह समर ब्रीडिंग के लिए सिंध घाटी से आगे पाकिस्तान के थारपारकर, नारा व चोलिस्तान रेगिस्तान के साथ राजस्थान के श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर और बाड़मेर में बढ़ेगी। इससे जुलाई महीने में भारत में भयंकर टिड्डी आक्रमण होने की आशंका प्रबल हो गई है।

हर डेढ़ दिन में आ रहा एक दल
ईरान से पाकिस्तान होते हुए टिड्डी भारत में प्रवेश करती है। इस साल 30 अप्रेल को भारत में टिड्डी का पहला दल आया। 10 जून तक 31 टिड्डी दल भारत आ चुके थे। टिड्डी 8 राज्यों तक पहुंच चुकी है। सिंध घाटी से भी गुलाबी टिड्डी के कई दल भारत आए हैं।

क्या है विंटर, स्प्रिंग व समर ब्रीडिंग
- रेगिस्तानी टिड्डी अफ्रीका के पूर्वी व पश्चिमी हिस्से के साथ खाड़ी देशों और दक्षिण एशिया के देशों में प्रवसन करती है।
- सर्दियों में यह अफ्र ीका के पूर्वी देशों केन्या, इथोपिया, सोमालिया व सूडान में अंडे देती है। इसको विंटर ब्रीडिंग करते हैं। यह अक्टूबर से जनवरी तक होती है।
- जनवरी के बाद टिड्डी स्प्रिंग ब्रीडिंग करती है। यह पूर्वी अफ्र ्रीका के साथ-साथ लाल सागर के दोनों और बसे खाड़ी देशों के अलावा यमन, ओमान और ईरान व पाकिस्तान के दक्षिणी हिस्से में प्रजनन करती है।
- गर्मियों में प्री मानसून के समय यह भारत पाकिस्तान के बॉर्डर पर समर ब्रीडिंग के लिए आती है। टिड्डी रेतीली जमीन के 10 से 15 सेंटीमीटर नीचे नमी युक्त वातावरण में अंडे देती है।

सिंधु घाटी में स्प्रिंग बिल्डिंग से यह खतरा
सिंधु घाटी में स्प्रिंग ब्रीडिंग होने से भारत में टिड्डी दलों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी। हाल ही में यूएनओ की ओर से जारी ताजा बुलेटिन में कहा गया है कि पाक के सिंध व पंजाब प्रांत में हॉपर के साथ टिड्डी दल भी तैयार हैं, जो भारत-पाक बॉर्डर की ओर बढऩे वाले हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक टिड्डी अफ्रीका के पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी देशों, लाल सागर के दोनों और बसें खाड़ी देशों और दक्षिण एशिया के पाकिस्तान व भारत तक पाई जाती है। नक्शे में दिखाया हरा रंग टिड्डी का प्रमुख क्षेत्र है जहां वह प्रजनन करती है। हरे रंग के बाहर पीला क्षेत्र वह है जहां तक टिड्डी के आक्रमण की आशंका रहती है।