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संक्रमण की रफ्तार से थमे रहे पाणिग्रहण संस्कार

आखातीज पर नहीं गूंजे मंगलवाद्य, किसानों ने निभाई 'हळोतियाÓ की परम्परा

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संक्रमण की रफ्तार से थमे रहे पाणिग्रहण संस्कार

संक्रमण की रफ्तार से थमे रहे पाणिग्रहण संस्कार

जोधपुर. कोरोना लॉकडाउन और संक्रमण फैलने की तेज रफ्तार के कारण अबूझ सावे आखातीज पर इस बार श्रेष्ठ मुहूर्त के बावजूद समूचे मारवाड़ में वैवाहिक आयोजन नहीं हुए। जोधपुर शहर व गांवों में आखातीज पर गूंजने वाले मंगलवाद्य, बैण्ड व डीजे की गूंज की जगह सन्नाटा पसरा रहा। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में इस दिन वर्षा 'शगुणÓ और किसानों ने हल का पूजन किया। जिले के भोपालगढ़ कस्बे सहित उपखण्ड क्षेत्र के गांवों में शुक्रवार को किसानों ने आखातीज 'हळोतियाÓ के रूप में मनाया गया। कस्बे के किसान नारायणराम जाखड़ व पेमाराम गोदारा ने बताया कि अलसुबह उठकर किसानों ने अपने खेतों में जाकर कृषि उपकरणों कर धरती माता से अच्छी फल उपजाने एवं इंद्रदेव से अच्छी बारिश व कोरोना महामारी से मुक्ति की कामना की गई। साथ ही कई किसानों ने अपने खेतों में सांकेतिक हल चलाकर एवं खरपतवार नष्ट करने के लिए सूड़ करके 'हळोतियाÓ की शुरुआत भी की। घरों में सुबह गेहूं का खीच, गुड़ की गळवानी, बथुए का रायता,लापसी, बाटिया, सूखी फली, काचर मगोड़ी की सब्जी आदि पारम्परिक पकवाना बनाकर पूरे परिवार के साथ सेवन किया गया। अक्षय पुण्य के लिए लोगों ने घरों में हवन और लॉक डाउन के कारण जरूरतमंदों लोगों तथा पशु-पक्षियों के लिए दानपुण्य किए।