
कागज के भाव आसमान पर, कोरोगेटेड बॉक्स इंडस्ट्रीज बंद होने के कगार पर
जोधपुर।
कोरोना की दूसरी लहर के साथ ही देश की 600 बड़ी पेपर मिल कम्पनियों को आर्थिक मंदी के साथ ही कच्चे माल की आपूर्ति की कमी का सामना करना पड रहा है। गत चार माह में कागज की कीमतों में 80 फ ीसदी तक हुई वृद्धि से कोरोगेटेड बॉक्स उद्योग लडखड़़ा गया है। फैडरेशन के सचिव प्रियेश भंडारी ने बताया कि पेपर पल्प की कमी के चलते पेपर मिल्स वालों ने कार्टून बनाने के लिए कच्चे माल की आपूर्ति करने से मना कर दिया है। अगर यही स्थिति रही तो अगले माह से कार्टून उत्पादन बंद हो जाएगा।
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जोधपुर में 80 इकाइयों पर संकट के बादल
जेएचईएफ के अध्यक्ष नरेश बोथरा बताया कि वर्तमान में देश की पेपर मिल्स घरेलु जरूरतों को पूरा नहीं कर चीन को पेपर पल्प एक्सपोर्ट कर रही है। ऐसे में घरेलु उद्योगों को बचाने के लिए तुरंत प्रभाव से पेपर एक्सपोर्ट रोकना होगा। जोधपुर में 80 से अधिक इकाइयों में दस हजार टन पेपर की खपत होती है। कच्चा माल उपलब्ध नहीं होने से व उनके भावों मे बढ़ोतरी के कारण हस्तशिल्प निर्यातकों की लागत बढ़ रही है। उन्होंने क्राफ्ट पेपर का एक्सपोर्ट प्रतिबंधित करने, क्राफ्ट पेपर मिलों के उत्पादन का 25 प्रतिशत सूक्ष्म व लघु उद्योगों के लिए आरक्षित करने की मांग की है।
Published on:
19 Mar 2021 11:33 pm
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