
- किलो रोड सडक़
जोधपुर. पर्यटन के लिहाज से यह सडक़ सबसे महत्वपूर्ण है और खतरनाक भी। किला रोड-नागौरी गेट सडक़ पर खतरा एक ओर खाई होने के कारण ज्यादा बढ़ जाता है। एक दिन पहले ही एक युवती के इस रोड से १०० फीट नीचे गिर जाने से इसकी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
किलारोड जो कि शहरवासियों के साथ ही पर्यटकों के आवागमन का प्रमुख साधन है, पिछले लम्बे समय से परेशानी का कारण बनी हुई है। संकरी सडक़ पर यातायात का भारी दबाव और फिर घुमावदार मोड़ इस सडक़ का खतरा बढ़ा देते हैं। सडक़ पर संकेतक नहीं होने के कारण रात के समय सफर करना ज्यादा खतरनाक होता है। यूं तो करीब कुछ मीटर तक सडक़ किनारे करीब चार फीट की रैलिंग लगा रखी है। लेकिन करीब १०० मीटर से अधिक एेसी है जहां रैलिंग लगाई ही नहीं गई। इसी स्थान पर सडक़ किनारे सर्वाधिक गहरी खाई है।
खतरे की सडक़ एेसे भी
- १ किलोमीटर लम्बी सडक़ पर खतरा सर्वाधिक।
- १० से अधिक खतरनाक मोड़ हैं सडक़ पर।
- फीट तक की सुरक्षा रैलिंग लगाई कुछ मीटर तक सडक़ किनारे।
- १०० मीटर सडक़ किनारे सुरक्षा रैलिंग नहीं है।
- डेढ़ फीट ही है सडक़ किनारे सुरक्षा दीवार।
- एक भी स्पीड ब्रेकर और संकेतक नहीं है सडक़ पर।
पुलिया चौड़ा करने का प्रस्ताव
सार्वजनिक निर्माण विभाग के पास कुछ दिन पहले ही इसी मार्ग पर एक पुलिया चौड़ा करने की स्वीकृति आई है। यह भी किला रोड से चांदपोल की ओर जाने वाली सडक़ पर है। इसके अलावा सडक़ पर रैलिंग लगाने या संकेतक लगाने का कोई बजट नहीं है। कई सालों से सडक़ चौड़ी करने की मांग इस सडक़ पर पर्यटक वाहनों का सबसे अधिक दबाव रहने के कारण कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। एेसे में सडक़ चौड़ी करने की कई बार मांग रखी गई। सडक़ चौड़ी करने के लिए एक तरफ पहाड़ को काटना ही एकमात्र रास्ता है। लेकिन इसके लिए सरकार की ओर से आज तक कोई बजट जारी नहीं हुआ है।
यही है समाधान
इस सडक़ पर सुरक्षित सफर के लिए समाधान या तो पूरी सडक़ पर रैलिंग लगाकर किया जा सकता है या फिर सुरक्षा दीवार की ऊंचाई चार से पांच फीट तक बढ़ाकर। लेकिन बजट नहीं होने से फिलहाल यह दोनों ही कार्य पूरे होते नहीं दिख रहे।
इनका कहना...
यह सडक़ हमारे अधीन है। एक पुलिया चौड़ा करने का प्रस्ताव स्वीकृत हो रखा है। इसके अलावा सडक़ चौड़ा करने और या सुरक्षा दीवार को बढ़ाने का कोई प्रोजेक्ट प्रक्रियाधीन नहीं है।
- दीपकसिंह चौहान, अधीक्षण अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जोधपुर।
Published on:
11 Jul 2018 06:00 am
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