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दर्दनाकः मौत से संघर्ष का वो एक घंटा… सांसों के लिए मरीज तड़पता रहा और परिजन डॉक्टर को ढूंढते रहे

पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा मथुरादास माथुर अस्पताल एक बार फिर चर्चा में है। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से शुक्रवार अल सुबह ऑक्सीजन नहीं मिलने से कैंसर पीड़ित एक मरीज की मौत हो गई। मृतक गोपाल भाटी के चाचा अशोक ने बताया कि उसके भतीजे की मौत के एक घंटे पहले तक वे सभी डॉक्टर को ढूंढते रहे, लेकिन डॉक्टर नहीं मिला।

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पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा मथुरादास माथुर अस्पताल एक बार फिर चर्चा में है। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से शुक्रवार अल सुबह ऑक्सीजन नहीं मिलने से कैंसर पीड़ित एक मरीज की मौत हो गई। मृतक गोपाल भाटी के चाचा अशोक ने बताया कि उसके भतीजे की मौत के एक घंटे पहले तक वे सभी डॉक्टर को ढूंढते रहे, लेकिन डॉक्टर नहीं मिला। सुबह करीब चार बजे अस्पताल की लाइट चली गई। जेनरेटर शुरू हुआ, लेकिन वो भी खराब निकला। अस्पताल की लाइट फिर से बंद हो गई। लाइट बंद होने के बाद ऑक्सीजन 20 मिनट तक सपोर्ट कर सकता था, लेकिन 20 मिनट भी पूरे हो गए। हमने पास में पड़े हुए ऑक्सीजन सिलेंडर को लगाया, लेकिन वो भी खाली निकला। मरीज की तबीयत खराब होने लगी।

नाइट ड्यूटी पर लगे हुए
डॉक्टर भी वहां मौजूद नहीं थे। हम डॉक्टर को ढूंढने गए। तीन-चार जगह पर डॉक्टर नहीं मिला। आखिरकार डॉक्टर मिला तो उसे लेकर हम गोपाल के पास पहुंचे, लेकिन उस समय तक गोपाल की मौत हो चुकी थी। हमारे लिए वो एक घंटा इतना भारी था, हर कोई यही सोच रहा था कि कहीं से ऑक्सीजन मिल जाए, डॉक्टर मिल जाए या फिर लाइट आ जाए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और मेरा भतीजा इस दुनिया से चला गया।

तकनीकी खराबी के चलते बंद हुई लाइट
डिस्कॉम सूत्रों के अनुसार एमडीएम अस्पताल में तकनीकी खराबी के चलते शुक्रवार सुबह 4 से 5 बजे के बीच 1 घंटे बिजली बंद रही, लेकिन एमडीएम अस्पताल में लाइट बंद होने के बाद एमडीएम प्रशासन का जनरेटर सिस्टम सही नहीं होने के कारण तुरंत शुरू नहीं हो पाया। इसलिए बिजली की सप्लाई नहीं हो पाई। इस वजह से बिजली आने में देरी हुई, जबकि अधिकांश जगहों पर लाइट बंद होते ही जनरेटर सिस्टम ऑटोमेटिक चालू हो जाता है।

पहले भी जोधपुर के अस्पतालों में लापरवाही से जा चुकी है जान
- 2017 में जोधपुर शहर के उम्मेद अस्पताल में ऑपरेशन थिएटर में दो डॉक्टर आपस में झगडऩे लगे और इस दौरान एक नवजात बच्चे की मौत हो गई थी जिसे हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया था और प्रसंज्ञान लेकर सुनवाई भी की थी।
- 2023 में अक्टूबर के महीने में भी एमडीएम अस्पताल में ही सीसीयू वार्ड में कई घंटे तक बिजली गुल रही। इसका वीडियो भी सामने आया इसमें डॉक्टर अंधेरे में ही मरीज का उपचार करते देखे गए थे। गनीमत रही कि उस समय किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
- मई 2021 में पाली जिले से एक मरीज को एमडीएम अस्पताल में लाया गया था। लेकिन ऑक्सीजन सप्लाई मिलने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया।
- एमडीएम अस्पताल के ही ट्रोमा सेंटर में 3 महीने पहले एक सांप घुस आया था। जिससे मौके पर अफरा तफरी मच गई। गनीमत रही कि इससे किसी मरीज को परेशानी नहीं हुई।

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- 3 साल पहले जोधपुर के उम्मेद अस्पताल में प्रसूताओं को संक्रमित ग्लूकोज चढ़ाने का मामला सामने आया था। इसके बाद कई प्रसूताओं की मौत हो गई। मामले की जांच भी की गई।

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