
मृतक के घर पहुंची पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की टीम। फोटो- पत्रिका
राजस्थान की पंचायत समिति लूणी क्षेत्र के करनियाली गांव में रेबीज जैसे लक्षण वाला मरीज सामने आया। इस मरीज को गुरुवार को दुबारा उपचार के लिए एमजीएच अस्पताल लाया जा रहा था, तभी रास्ते में दम टूट गया। यह मरीज दो दिन पहले एमजीएच में भर्ती हुआ था और परिजन छुट्टी करवा कर घर ले गए।
20 दिन पहले लूणी क्षेत्र में भेड़ियों के समूह ने आसपास के गांवों में 10 लोगों पर हमला किया था। इसी दौरान करनियाली गांव के मगनाराम भी भेड़िए के हमले का शिकार हुए थे। हमले के बाद चिकित्सक दिनेश सोनी ने उन्हें आवश्यक उपचार उपलब्ध करवाया था। हालांकि, उपचार के कुछ दिन बाद मरीज में अजीब हरकतें देखने को मिली।
परिजन मरीज को लूणी सीएचसी लेकर आए। वहां चिकित्सक लक्ष्मीनारायण ने रेबीज जैसे लक्षण पाए जाने पर तुरंत मरीज को जोधपुर एमजीएच हॉस्पिटल रेफर किया, लेकिन परिजन मरीज को चिकित्सकों की सलाह के बावजूद मरीज मगनाराम को वापस घर लेकर चले गए। यह जानकारी जब प्रशासन को मिली तो हड़कंप मच गया।
उपखंड अधिकारी पुखराज कांसोटिया ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चिकित्सा विभाग के बीसीएमएचओ विरंची आचार्य को मरीज को जोधपुर एमजीएच हॉस्पिटल भर्ती करवाने के निर्देश दिए। पुलिस और प्रशासन की मदद से परिजन को समझाइश के बाद मरीज को गुरुवार को अस्पताल भेजा गया, लेकिन रास्ते में दम टूट गया।
गौरतलब है कि पंचायत समिति लूणी क्षेत्र में 15 से 18 अगस्त के बीच ग्रामीणों पर भेड़ियों के हमलों के बाद तीन मृत भेड़िए मिले थे। इनमें से दो का पोस्टमार्टम कर विसरा भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर (बरेली) भेजा गया था, जिसकी रिपोर्ट में दोनों ही भेड़ियों में रेबीज वायरस पॉजिटिव पाया गया था।
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रेबीज के लक्षण काफी गंभीर थे। दो दिन पहले मरीज भर्ती हुआ और फिर बिना अनुमति परिजन उसे लेकर चले गए। जब फिर से अस्पताल लाया गया तो दम टूट चुका था, मोर्चरी में शव रखवाया गया है।
Published on:
04 Sept 2025 07:26 pm
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